आर्थिक संकट से गुजर रही टीम: वित्तीय संकट से गुजर रही जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ने शेयर की खस्ताहाल की तस्वीर

जिम्बाब्वे क्रिकेट इस वक्त वित्तीय संकट से गुजर रहा है। हालात इतने खराब है कि क्रिकेटरों को जूते की मरम्मत कराने के बाद पहनने पड़ रहे है। जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेयान बर्ल ने देश के क्रिकेट की खस्ताहाल से सबको रूबरू कराया है।

जयपुर। 
जिम्बाब्वे ( Zimbabwe) क्रिकेट इस वक्त वित्तीय संकट (financial crisis) से गुजर रहा है। हालात इतने खराब है कि क्रिकेटरों को जूते की मरम्मत कराने के बाद पहनने पड़ रहे है। जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेयान बर्ल (Ryan Burl) ने देश के क्रिकेट की खस्ताहाल से सबको रूबरू कराया है। उन्होंने फटे हुए जूतों की तस्वीर पोस्ट करके राष्ट्रीय टीम के प्रायोजन का आग्रह किया है। उन्होंने अपने जूतों की तस्वीर, गोंद और इसे ठीक करने के लिए कुछ सामान की तस्वीर ट्वीट की है। जब कुछ क्रिकेट बोर्ड प्रायोजन से ही करोड़ों डॉलर कमा रहे हैं तब बर्ल ने ट्वीट करके पूछा कि क्या कोई संभावना है कि हमें कोई प्रायोजक मिले, जिससे कि हमें प्रत्येक शृंंखला के बाद अपने जूते चिपकाने नहीं पड़ें।
बर्ल के इस ट्वीट के जवाब में पूमा (Puma) ने ट्वीट कर कहा कि गोंद को फेंकने का समय आ गया है, हम आपको सहायता देंगे। बता दें कि बाएं हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज 27 साल के बर्ल ने जिंबाब्वे की ओर से तीन टेस्ट, 18 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। गौरतलब है कि विश्व कप 1983 से पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम का दर्जा हासिल करने वाले जिम्बाब्वे को 1992 में टेस्ट दर्जा मिला लेकिन पिछले कुछ समय से टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जूझ रही है। देश फ्लावर बंधुओं एंडी और ग्रांट, एलिस्टेयर कैंपबेल, डेव हॉटन, हीथ स्ट्रीक और नील जॉनसन जैसे खिलाड़ी तैयार करने में विफल रहा है। इन खिलाडिय़ों ने जिंबाब्वे का प्रतिनिधित्व करते हुए काफी सफलता हासिल की। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने सरकारी हस्तक्षेप के कारण 2019 में देश के क्रिकेट बोर्ड को निलंबित कर दिया और पिछले साल टीम को टी-20 विश्व कप क्वालीफायर में हिस्सा लेने से भी रोक दिया। बाद में हालांकि जिंबाब्वे को बहाल कर दिया गया। हाल में पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे में दो टेस्ट की शृंखला में क्लीनस्वीप करने के अलावा टी-20 शृंखला 2-1 से जीती।