सिरोही पुलिस का अमानवीय चेहरा: ट्रेक्टर—बाइक की भिंड़त, हादसे में घायल बाइक सवार युवक को सिरोही पुलिस ने केस में फंसाने की दी धमकी, घायल को 500 रुपए दिलाकर किया रवाना
सिरोही जिले के मंडार थाना में तैनात एक दागी हैड कांस्टेबल ने रुपयों के लिए एक बार फिर अपना ईमान बेच दिया। इस बार मामला रविवार दोपहर को हुए एक सड़क हादसे का है। मंडार पुलिस थाने के हैड कांस्टेबल का हिम्मत तो देखों सड़क हादसे में घायल को ही केस में फंसाने की धमकी देकर मौके से भगा दिया
सिरोही।
सिरोही जिले के मंडार थाना में तैनात एक दागी हैड कांस्टेबल ने रुपयों के लिए एक बार फिर अपना ईमान बेच दिया। इस बार मामला रविवार दोपहर को हुए एक सड़क हादसे का है। मंडार पुलिस थाने के हैड कांस्टेबल का हिम्मत तो देखों सड़क हादसे में घायल को ही केस में फंसाने की धमकी देकर मौके से भगा दिया और सड़क हादसे के जिम्मेदार ट्रेक्टर चालक से रिश्वत लेकर मामला रफा दफा कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रविवार को मंडार से रानीवाडा जाने वाले सड़क मार्ग पर एक ट्रेक्टर और मोटरसाइकिल के बीच भिंड़त हो गई थी। हादसे में बाइक चालक एक युवक के पैर में गंभीर चोट लग गई। मौके के प्रत्यक्षदर्शी ने मंडार पुलिस को सूचना दी। इस पर मंडार थाने में तैनात हेड कांस्टेबल राजाराम प्रजापत मौके पर पहुंचे। यहां लापरवाह ट्रेक्टर चालक को थाने ले जाने और घायल मोटरसाइकिल चालक को अस्पताल पहुंचाने की जगह ट्रेक्टर चालक से सांठगांठ कर मामले को रफादफा करने में लग गए।
शराब के नशे में बताया और फटकार कर किया रवाना
मंडार पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल राजाराम प्रजापत ने घायल मोटरसाइकिल चालक को डांट फटकार लगाते हुए उसे शराब के नशे में बताया और चुपचाप घर चले जाने का दबाव बनाने लगे। घायल युवक जिससे सही ढंग से चला भी नहीं जा रहा था, उस से जोर जबरदस्ती कर मोटरसाइकिल चालू कर घर जाने का दबाव बनाया गया। पीडि़त युवक खाकी के सामने विनय करता रहा पर इसके बावजूद हेड कांस्टेबल प्रजापत के मन में लेशमात्र भी दयाभाव नहीं जागा। हेड कांस्टेबल ने से डांट फटकार लगाते हुए कहने लगा कि चुपचाप घर चला जा वरना थाने ले जाकर मेडिकल करवा कर शराबी साबित करवा दूंगा, फिर तुझे कोई नहीं बचा पाएगा। इसके साथ ही लापरवाह ट्रेक्टर चालक से 500 रुपए लेकर उस घायल युवक के हाथ में थमाकर उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर वहां से रवाना कर दिया।
2 घंटे बाद थाने में आने की हिदायद
घायल युवक को वहां से रवाना करने के बाद उस ट्रेक्टर चालक को दो घण्टे बाद थाने आकर मिलने की सख्त हिदायद भी दी। अब सवाल उठता हैं कि जब पीडि़त युवक को वहां से डरा धमका कर रवाना कर दिया। जब पीड़ित की तरफ से कोई मामला ही दर्ज नहीं किया गया, तो फिर एक्सीडेंट करने वाले उस ट्रेक्टर चालक को दो घण्टे बाद थाने आने का क्यों कहा गया?
हेड कांस्टेबल राजाराम लेता हैं 500 रुपए
इतना ही नहीं, हेडकांस्टेबल अभी मौके पर ही खड़े थे कि इतने में एक दूसरा व्यक्ति मोटरसाइकिल लेकर वहां पहुंचता हैं और थोड़ी देर हेडकांस्टेबल राजाराम प्रजापत से कुछ बात करता हैं। थोड़ी देर की बातचीत के बाद वो दूसरा मोटरसाइकिल चालक व्यक्ति अपनी जेब से रुपए निकालता हैं और हेडकांस्टेबल के हाथ में दे देता हैं। पहले तो हेडकांस्टेबल उस पैसों को लेने से मना कर देता हैं, पर थोड़ी नाकुर के बाद हेडकांस्टेबल उन पैसों को अपनी जेब में रख देता हैं। इसके साथ ही पैसे देने वाला व्यक्ति कहता हैं कि "साहब थोड़ा ध्यान रखना।" और हेडकांस्टेबल राजाराम सहमति में अपना सिर हिलाते हुए कहता हैं कि "बिल्कुल आप निश्चिंत रहे।"
यह खबर भी देखें - https://firstbharat.in/Newly-appointed-SP-gave-tainted-head-constable-posting-in-creamy-police-station
कौन हैं हेडकांस्टेबल राजाराम ?
हेडकांस्टेबल राजाराम का जिक्र करते ही खबर में हमने इसके नाम से पहले दागी शब्द का इस्तेमाल किया था। वो इसलिए कि इनके कारनामें हमेशा दागदार ही रहे हैं। मंडार थाने से पहले राजाराम आबूरोड के रीको थाना क्षेत्र की गुजरात बॉर्डर पर स्थित छापरी पुलिस चौकी के इंचार्ज के रूप में तैनात था। जब ये छापरी चौकी पर तैनात थे तो गुजरात से माउंट आबू आने वाले पर्यटकों से खुलेआम अवैध वसूली करते हुए रंगेहाथ पकड़े गए थे। इनका स्टिंग करके पूरा खुलासा किया था। जिस पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना ने हेड कांस्टेबल राजाराम के विरुद्ध जांच के आदेश देकर उसे वहां से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया था। पर थोड़े दिनों बाद एसपी पूजा अवाना का तबादला हो गया और सिरोही जिले में एसपी के रूप में हिम्मत अभिलाष टांक की पोस्टिंग हो गई थी। एसपी हिम्मत अभिलाष टांक ने इस हेडकांस्टेबल राजाराम प्रजापत को दोषमुक्त करवाकर एक बार फिर से गुजरात बॉर्डर पर स्थित मंडार पुलिस थाने में पोस्टिंग दे दी। जिसका पूरा फायदा ये हेडकांस्टेबल अब तक उठा रहा हैं।