मन की मर्जी, दिल का सौदा: एक टैंटवाले की मदद से पूर्व सभापति ताराराम माली एंड टीम ने 72 लाख का गबन कर लिया? थाने में आयुक्त ने दी है रिपोर्ट, प्रकरण दर्ज
सिरोही नगर परिषद कार्यालय में एक टैंट हाउस के नाम से लाखों का गबन होने का मामला सामने आया है। इसमें पूर्व सभापति ताराराम माली, तीन पूर्व आयुक्त समेत कई कार्मिकों के खिलाफ सिरोही कोतवाली में प्रकरण दर्ज हुआ है। मौजूदा आयुक्त महेन्द्र चौधरी ने इस बारे में थाने में रिपोर्ट दी है।
सिरोही | सिरोही नगर परिषद कार्यालय में एक टैंट हाउस के नाम से लाखों का गबन होने का मामला सामने आया है। इसमें पूर्व सभापति ताराराम माली, तीन पूर्व आयुक्त समेत कई कार्मिकों के खिलाफ सिरोही कोतवाली में प्रकरण दर्ज हुआ है। मौजूदा आयुक्त महेन्द्र चौधरी ने इस बारे में थाने में रिपोर्ट दी है। सिरोही जैसे शहर में विकास कार्यों के नाम पर इस तरह के गबन की बानगी पहली नहीं है। यहां पूर्व में भी सीसीटीवी के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हो चुका है।
रिपोर्ट में बताया कि नगर परिषद सिरोही द्वारा टेंट इत्यादि सामान किराए पर लेने बाबत वर्ष 2017-18 में 10 लाख रुपये की वार्षिक निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसमें नगरपरिषद सिरोही द्वारा न्यूनतम दरदाता फर्म भगवती टेंट हाउस को टेंट व्यवस्था हेतू तत्कालिन अधिकारियों/जनप्रतिनिधि द्वारा कार्यादेश जारी किया गया एवं निविदा से परे जाकर अतिरिक्त राशि का भुगतान संबंधित फर्म को किया।
वर्ष 2018-19 में भी तत्कालिन कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने नियमों से परे जाकर उक्त निविदा को आगे बढ़ा दिया। तत्कालीन आयुक्त दिलीप माथुर, सभापति ताराराम माली, स्टोर कीपर रामलाल परिहार, लेखाकर्मी जगदीशलाल बारोलिया एवं आयुक्त प्रहलादराय वर्मा, लेखाकर्मी मदनलाल दत्ता एवं आयुक्त संतलाल मक्कड़ ने बदनियति पूर्वक मिलीभगत कर भारी वित्तीय अनियमितता की। साथ ही निविदा की शर्तों से परे जाते हुए आरटीपीपी एक्ट के नियमों के खिलाफ जाकर संबंधित फर्म भगवती टेंट हाउस को 12,68,517 रुपये, 14 जून 2018 को 13 लाख 900 हजार 90 रुपये एवं 24 अगस्त 2018 को 5 लाख 50 हजार 635 रुपये एवं दिनांक 05 नवम्बर 2018 को 8 लाख 22 हजार 80 रुपये एवं दिनांक 21 जनवरी 2019 को 4 लाख 41 हजार 753 रुपये एवं दिनांक 21 जनवरी 2019 को 5 लाख 65 हजार 944 रुपये का भुगतान सर्वथा गलत रुप से कर भारी अनियमितता करते हुए राजस्व हानि कारित की। गलत रूप से भुगतान की गई राशि ब्याज सहित कुल 72,11,947 रुपये होती है। पुलिस ने सभी के खिलाफ आरटीपीपी एक्ट की धारा 41 व 42 तथा भारतीय दण्ड संहिता के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की है।