रिश्तों का खून...: जिसने हत्या की, वहीं लोग हत्यारे को पकडऩे की मांग को लेकर धरने पर बैठे, पुलिस ने २ आरोपियों को पकड़ा

जालोर. बागोड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत करीब 23 दिन पूर्व घटित कुड़ाध्वेचा में युवक प्रकाश की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा है। 


इस प्रकरण में गिरफ्त में आए आरोपी गणपत भील व जामताराम ने प्रकाश की हत्या के मामले में पुलिस को अनेक स्तर पर गुमराह किया। शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम के दौरान आरोपी शोकाकुल परिवार के साथ मोर्चरी के पास मौजूद रहे। यही नहीं जब बागोड़ा में मामले के खुलासे की मांग को लेकर आदिवासी एकता मंच के तहत धरना प्रदर्शन हुआ तो आरोपी गणपत ने  न केवल इस प्रदर्शन की अगुवाई की, बल्कि टेंट लगाने के साथ धरनार्थियों के लिए पानी के कैंपर का प्रबंध करने के साथ साथ धरना स्थल पर बकायदा मौजूद भी रहा। वहीं आरोपी जामताराम भी इसी तरह अनेकों बार पुलिस को गुमराह करने को धरना प्रदर्शन में पहुंचा। इसी तरह वारदात के बाद से ही आरोपियों ने मजदूरी पर जाना छोडक़र मृतक के घर पर शोकाकुल होकर डेरा डाला और हर काम में परिवार का हाथ भी बंटाया। पुलिस को पहले स्तर पर ही गणपत पर शक था और वह इस पर नजर बनाए हुए थी। विभिन्न आधारों पर पुलिस ने अनुसंधान के बाद इस चर्चित प्रकरण का खुलासा करते हुए आरोपी को दबोच लिया है। 

प्रकाश के हत्यारों को पकड़ने की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोगों के बीच बैठा लाल गोले में आरोपी। File Photo


यह था प्रकरण


इस घटनाक्रम में कुडा ध्वेचा में 24 जून को हत्या का प्रकरण दर्ज हुआ था। गांव में श्मशान की भूमि के पास नर्मदा परियेाजना के नलकूप के पास प्रकाश  पुत्र भंवराराम भील का नग्न अवस्था में शव मिला था। यह घटनाक्रम रात के समय घटित हुआ था और मृतक के पास मोबाइल न हीं होने से पुलिस पड़ताल में खासी दिक्कत हुई। लेकिन पुलिस ने प्रकरण में 30 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए दोनों ही आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों ने वारदात कबूल की है।

जो बचाव के तरीके, वही गिरफ्तारी के आधार बने


घटनाक्रम की रात को आरोपी गणपत और प्रकाश साथ ही थे। इस तरह की जानकारी पुलिस को मिली थी। दोनों मजदूरी का काम करते थे। पोस्टमार्टम के दौरान आरोपी गणपत मोर्चरी पहुंचा तो शराब पिया हुआ था, जो पहले स्तर पर शक गहराया। उसके बाद आरोपी अपनी मजदूरी छोडक़र  शोकाकुल परिवार के यहां ही पूरा दिन बिताने लगा। सीधे तौर पर आरोपी ने अपने व्यवहार के विपरीत व्यवहार किया तो पुलिस का शक आरोपी पर गहराया और यही मामले के खुलासे का आधार भी बना। 

इस तरह दिया... वारदात को अंजाम

पूछताछ में सामने आया कि 23 जून को मृतक प्रकाश के साथ आरोपी गणपत व जामताराम ने शराब पी। इस दौरान आरोपियों ने अधिक शराब का सेवन किया। इस दौरान आरोपियों और मृतक प्रकाश के बीच तू-तू मैं-मैं की नौबत आ गई। इस दौरान आक्रोशित होकर आरोपियों ने श्मशान भूमि में पकड़े लट्ठों और लाठों घूसों से गंभीर रूप से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया और वहां से फरार हो गए। आरोपी मृतक के दूर के रिश्ते में भाई भी लगते हैं।

पुलिस के सामने थी  बड़ी परेशानी

यह मामला पुलिस के लिए भी 23 दिन तक सिरदर्द साबित होता रहा, क्येांकि आरोपी धरनार्थियों और हर विरोध प्रदर्शन में शरीक थे। हत्या के अगले ही दिन गणपत और जामताराम  परिवारजनों के साथ मोर्चरी तक पहुंचे। उसके बाद 15 जुलाई को वारदात का खुलासा करने को लेकर परिवारजनों और आदिवासी एकता मंच के साथ धरने में शरीक हुए। यहीं नहीं दोनों आरोपी धरने के टेंट गाडऩे से लेकर अल्टीमेटम देने तक में शरीक रहे। गौरतलब है इस घटनाक्रम के बाद 24 जून को मृतक के भाई जैसाराम पुत्र भमराराम भील निवासी कुडा ध्वेचा ने हत्या की रिपोर्ट पेश की थी।