चिकित्सा विभाग और झोलाछाप की सांठगांठ: जालोर के रानीवाड़ा के पूजा अस्पताल में एक माह बाद भी झोलाछाप व्यक्ति कर रहा है लोगों का इलाज, चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही, बीसीएमओ ने दी थी क्लीन चिट,सीएमएचओ की जांच सवालों को घेरे में
जालोर।
जालोर जिले के रानीवाड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित पूजा अस्पताल में एक अस्पताल संचालक बिना किसी योग्य डॉक्टर की सेवाओं के खुद अपनी झोलाछाप डॉक्टरी के भरोसे आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा हैं। इस अस्पताल को लेकर हमने करीब महीने भर पहले भी एक स्टिंग कर पूरे मामले को उजागर किया था, लेकिन तब रानीवाड़ा ब्लॉक के खंड चिकित्सा अधिकारी बाबूलाल पुरोहित ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह कहते हुए पूजा अस्पताल संचालक को क्लीन चिट दे दी थी कि अस्पताल में एक योग्य चिकित्सक के साथ एमओयू किया हुआ है,
और जिस वक्त अस्पताल का निरीक्षण किया गया उस वक्त योग्य डिग्रीधारी डॉक्टर ही अस्पताल में इलाज कर रहा था। अब खण्ड चिकित्सा अधिकारी को मौके पर योग्य डिग्रीधारी डॉक्टर मिला या नहीं मिला ये तो खुद बीसीएमओ ही बता सकते हैं। पर हम ये दावे के साथ कह सकते हैं कि रानीवाड़ा स्थित पूजा अस्पताल में कोई योग्यताधारी डॉक्टर हैं ही नहीं। यहां आज भी झोलाछाप बीआर देवासी ही लोगों का इलाज कर रहा हैं।
1 माह बाद भी अस्पताल का एमडी कर रहा है इलाज
आज हमारी टीम के सदस्य एक बार फिर बोगस मरीज बनकर इस अस्पताल में इलाज करवाने गए। अस्पताल में बने डॉक्टर के चैम्बर में बैठा व्यक्ति बीआर देवासी जो कि इस अस्पताल का संचालक हैं। जिसके पास चिकित्सक की कोई वैध डिग्री नहीं हैं, वो व्यक्ति लोगांे का इलाज कर रहा हैं। हमारी टीम के सदस्य का भी इसी झोलाछाप ने चेकअप किया और दो दिन की दवाइयां लिखकर दी। इसके साथ ही आराम नहीं मिलने पर दो दिन बाद वापस दिखाने की सलाह दी।
आखिर चिकित्सा महकमा क्यों मेहरबान इस झोलाछाप पर ....?
Firstbharat.in द्वारा किए जा रहे हर स्टिंग में झोलाछाप लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करते हर बार साफ नजर आ रहा हैं। बावजूद इसके चिकित्सा महकमें की जांच में ये बात क्यों सामने नहीं आ रही हैं? ये बड़ा सवाल हैं।
सवाल ये भी कि वाकई में चिकित्सा महकमें की जांच में ये झोलाछाप सामने नहीं आ रहा हैं या चिकित्सा महकमा इसे सामने लाना नहीं चाहता ? कहीं इसके पीछे की मुख्य वजह जांच अधिकारियों की इस झोलाछाप से मिलीभगत तो कारण नहीं हैं ? क्या बीसीएमओ डॉ बाबूलाल पुरोहित और पूजा अस्पताल के संचालक बीआर देवासी की मित्रता तो इसकी वजह नहीं हैं।
https://firstbharat.in/Raniwada-Medical-Departments-serious-negligence-the-patient-was-watching-on-the-degree-of-the-dead-doctor जो चिकित्सा महकमें की जांच में इस अस्पताल संचालक को बचाने का काम कर रही हो। जो भी अब विभाग को इसकी उच्च स्तर पर जांच करनी चाहिए। जांच के नाम पर खानापूर्ति कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप का साथ देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत हैं। ताकि कोई भी अधिकारी अपने स्वार्थ के चलते भविष्य में आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सके।
मृत चिकित्सक की डिग्री के साथ कर रहा था लोगों का इलाज
रानीवाड़ा कस्बे के सांचोर सड़क मार्ग पर रेलवे फाटक के पार पूजा अस्पताल स्थित है। इस अस्पताल में एक झोलाछाप यहां आने वाले मरीजों का इलाज कर रहा है। डॉक्टर की वेशभूषा में मरीजों का इलाज कर रहा बीआर देवासी के पास कोई वैध डिग्री नहीं हैं। बावजूद इसके ये व्यक्ति लोगों का इलाज कर रहा हैं। ये व्यक्ति जिस पर्ची पर मरीज को दवाइयां लिखकर देता हैं, उस पर्ची पर लिखा डॉक्टर का नाम डॉ संजय आर कपाड़िया था। डाॅ संजय स्वर्गवास हो गया था, लेकिन ये झोलाछाप उनके नाम से ही इलाज कर रहा था। इस खुलासे के बाद देवासी ने डाॅ संजय की पर्ची छोड़ दी, अब सादे कागज पर दवा लिखकर इलाज कर रहा है।