अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर : ब्रह्माकुमारीज के प्रयास देश को एक नई ऊर्जा और शक्ति देंगे: प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान का आगाज - पीएम बोले- ब्रह्माकुमारीज संस्था विश्वभर की अपनी ब्रांचों से प्रत्येक वर्ष 500 लोगों को भारत दर्शन के लिए लाएं ताकि वह यहां की अच्छाइयों को जान सकें - अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन, आबू रोड से एक साथ सात देशव्यापी अभियानों

आबू रोड | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ब्रह्माकुमारीज संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन आबू रोड से आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान का वर्चुअल जुड़कर आगाज किया।

उन्होंने हरी झंडी  दिखाकर यहां से शुरू किए गए सात अभियानों को रवाना किया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान के प्रयासों से देश को एक नई ऊर्जा और शक्ति मिलेगी। इस अभियान में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है और साधना भी है।

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इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है और ब्रह्माकुमारियों के प्रयास भी हैं। मैं देश के संकल्पों के साथ, देश के सपनों के साथ निरंतर जुड़े रहने के लिए ब्रह्माकुमारी परिवार का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। जब संकल्प के साथ साधना जुड़ जाती है, जब मानवमात्र के साथ हमारा ममभाव जुड़ जाता है, अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए इदं न मम् का भाव जागने लगता है तो समझिए हमारे संकल्पों के जरिए एक नए कालखंड का जन्म होने वाला है। एक नया सवेरा होने वाला है। सेवा और त्याग का यही अनुभव आज अमृत महोत्सव में नए भारत के लिए उमड़ रहा है। 

पन्नाधाय और मीराबाई जैसी नारियों ने भारत को नई पहचान दी-

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा युगों-युगों का इतिहास इस बात का साक्षी है दुनिया जब अंधकार के दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी तब भारत मातृ शक्ति की पूजा देवी के रूप में करती थी। हमारे यहां गार्गी, मैत्री, अनुसुईया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदूषियां समाज को ज्ञान देती थीं। कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं।

कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहिल्या बाई होलकर, सावित्रीबाई फुले इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी।  आज बेटियां सेना में भी अपना कैरियर बना सकती हैं। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं। 


ब्रह्माकुमारी कई क्षेत्रों में कर रही है काम-
उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था आध्यात्म के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में कई बड़े-बड़े काम कर रहे हैं। खान-पान की शुद्धता को लेकर हमारी ब्रह्माकुमारी बहनें समाज को लगातार जागरूक करती रहीं हैं लेकिन गुणवत्तापूर्ण लाभ के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादन भी जरूरी है। इसलिए ब्रह्माकुमारी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देेने के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकती है। गांवों को प्रेरणा देेने के लिए बहुत बड़ी मॉडल बन सकती है।

 ब्रह्माकुमारी ने तो सोलर पॉवर के क्षेत्र में एक उदाहरण रखा है। कितने ही समय से यहां की रसोई में सोलर पॉवर से खाना बनाया जाता है। 


लोगों को कर्तव्यों के प्रति जागरूक करें-
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में हमारे अंदर एक बुराई घर कर गई है। ये बुराई है अपने कर्तव्यों से विमुख होना।  सिर्फ अधिकारों की बात करने से समाज में जो कमी आई है उसकी भरपाई हम मिलकर के आने वाले 25 वर्षों में कर्तव्य की साधना करके पूरा कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाएं आने वाले 25 वर्ष के लिए एक मंत्र बना लें कि भारत के जन-जन को कर्तव्य के लिए जागरूक करके बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। 

भारत की सच्चाई को दूसरे देशों के लोगों तक पहुंचाएं- 
हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने। ऐसी संस्थाएं जिनकी एक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, वे दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात को पहुंचाएं। भारत के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें, ये हम सबका कर्तव्य है। ब्रह्माकुमारी विश्व के हर देश से अपनी हर एक ब्रांच से 500 लोगों को भारत दर्शन के लिए लाएं। जो यहां आकर भारत की अच्छाइयों को समझेंगे और विश्व में लेकर जाएंगे। आपके प्रयासों से कितना बड़ा फर्क पड़ गया है। परमार्थ और अर्थ जब एक साथ जुड़ते हैं तो सफल जीवन, सफल समाज और सफल राष्ट्र का निर्माण अपने आप हो सकता है। भारत की आध्यात्मिक सत्ता आप सभी ब्रह्माकुमारी बहनें इसी परिपक्वता के साथ निभाएं।