Alwar मूकबधिर बालिका से रेप मामला: Rajasthan Government ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने का किया फैसला

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान गहलोत ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण में जांच सीबीआई के कराने का ऐलान किया।

जयपुर। 
अलवर में मूकबधिर बालिका से गैंगरेप जैसे वारदात में भी जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस—भाजपा के बीच बयानबाजी हो रही है। भाजपा इस मामले में कार्रवाई की मांग पर सरकार पर आरोप लगा रही है,वहीं कांग्रेस सरकार इस मामले को गैंगरेप नहीं मान रही। 
ऐसे में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान गहलोत ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण में जांच सीबीआई के कराने का ऐलान किया। 
सीएम ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री निवास पर वीसी के माध्यम से हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्य सरकार ने अलवर विमंदित बालिका के प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का निर्णय लिया है। 
इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी।


वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के विधायक राजेंद्र राठौड़ ने सुबह ट्वीट किया था कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अलवर में 11 जनवरी 2022 को मूक बधिर नाबालिग बालिका के साथ हुई दिल्ली के निर्भया काण्ड जैसी दरिन्दगी के संबंध में पोक्सो एक्ट, 2012 व आई.पी.सी.के प्रावधानों के अन्तर्गत त्वरित गति से अनुसंधान कर दरिन्दों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग की। 
सीएम के इस मामले को लेकर जांच सीबीआई से कराने के फैसले के बाद राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि देर आए, दुरुस्त आए
प्रदेश में बढ़ते जनाक्रोश के दबाव में आखिरकार राज्य सरकार को अलवर में मूक बधिर बालिका के साथ हुई दरिंदगी के मामले को सीबीआई जांच के लिए सौंपने का निर्णय लेना ही पड़ा। 
अब निश्चित रूप से पीड़िता को न्याय मिलेगा और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सकेगी।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मांगी रिपोर्ट 
वहीं इस मामले को लेकर आज राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने राजस्थान सरकार से रिपोर्ट तलब की है। आयोग की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर गहलोत सरकार से जवाब मांगा हैं। 
इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह ने अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की के खिलाफ यौन हिंसा के मामले से जुड़ी खबरों को देखने के बाद संज्ञान लेते हुए राजस्थार सरकार को पत्र लिखा।
 आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव से 24 जनवरी तक इस मामले की रिपोर्ट देने का ऐलान किया है।