आबू में पौने 3000 करोड़ की मंजूरी: तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड के लिए नई रेल लाइन बिछेगी
आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी ने तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन को अनुमानित लागत रु. 2798.16 करोड़ के साथ मंजूरी प्रदान की है। अंबाजी के लिये कनेक्टीविटी के लिये लम्बे से समय क्षेत्र के लोगों की मांग पूरी, यह रेलमार्ग अहमदाबाद और आबूरोड के लिये वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवायेगा
नई दिल्ली | आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 2798.16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रेल मंत्रालय द्वारा बनाई जाने वाली तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन (116.65 किलोमीटर) के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
यह परियोजना 2026-27 तक पूरी की जाएगी। इस परियोजना में निर्माण के दौरान लगभग 40 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
अंबाजी देश का प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है तथा यह भारत में 51 शक्तिपीठों में से एक में सम्मलित है। अंबाजी धार्मिक स्थल में हर साल गुजरात के और देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशों से लाखों भक्त दर्शन के लिये आते है।
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तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई लाइन के निर्माण से यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, तारंगाहिल में स्थित अजीतनाथ जैन मंदिर (24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक) के दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं के लिये यह रेल लाइन देष के अन्य ब्रॉडगेज नेटवर्क से सम्पर्क स्थापित करेगी।
यह रेल लाइन कृषि और स्थानीय उत्पादों के परिवहन में तीव्र आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी और गुजरात और राजस्थान राज्यों का देश के अन्य हिस्सों के साथ बेहतर गतिशीलता प्रदान करेगी। यह परियोजना मौजूदा अहमदाबाद-आबू रोड रेलवे लाइन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी।
प्रस्तावित नई रेल लाइन राजस्थान के सिरोही जिले और गुजरात के साबरकांठा, बनासकांठा और महेसाणा जिलों से होकर गुजरेगा। नई रेल लाइन के निर्माण से इस क्षेत्र में उद्योग धन्धे विकसित होंगे और क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन (116.65 किलोमीटर) की अनुमानित लागत 2798.16 करोड़ रूपये है। इस रेल लाइन पर कुल 15 स्टेशन प्रस्तावित है, जिनमें 8 क्रॉसिंग और 7 हाल्ट स्टेशन होंगे तथा 11 टनल, 54 बडे पुल, 151 छोटे पुल, 8 रोड ओवर ब्रिज, 54 रोड अण्डर ब्रिज/सीमित ऊंचाई के पुल तथा यह विद्युतीकृत ट्रेक्शन पर संचालित मार्ग होगा।
तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन के लिये जन प्रतिनिधियों से मिल रहे सुझावो पर त्वरित कार्यवाही तथा श्री विजय शर्मा, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे के सकारात्मक प्रयासों से इस परियोजना की स्वीकृति के लिये प्रयास किये जा रहे थे।
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इस परियोजना के निर्माण से नये क्षेत्रों में रेल परिवहन की उपलब्धता होगी तथा गुजरात और राजस्थान राज्यों के पर्यटन और धार्मिक स्थलों का रेल परिवहन के माध्यम से सम्पर्क स्थापित होगा जिसमें प्रमुख पर्यटक स्थल माउंट आबू और आध्यात्मिक केन्द्र प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, दिलवाड़ा के जैन मंदिर, अम्बाजी में स्थित देवी शक्ति पीठ, तारंगाहिल में जैन धर्म के तीर्थ स्थल प्रमुख है।
यह रेल लाइन इस क्षेत्र में स्थित डेयरी और मार्बल उद्योग के विस्तार में भी सहायक होगी तथा रेल के आगमन से इस क्षेत्र में अन्य उद्योग और इण्डस्ट्रीज के आने की संभावना बनेगी, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को निवास के निकट ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।
तारंगाहिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन की स्वीकृति पर आमजन, जन प्रतिनिधियों, उद्यमियों, व्यापारियों तथा धार्मिक और पर्यटक स्थलों के पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर की और माननीय प्रधानमंत्री मोदी तथा केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया।
अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह परियोजना कनेक्टिविटी बढ़ाने और गतिशीलता में सुधार करने में अहम भूमिका का निर्वहन करेगी जिससे क्षेत्र का समग्र सामाजिक आर्थिक विकास होगा।