पनप रहा शराब का काला कारोबार: शराब माफियाओं पर मेहरबान रामसीन थानाधिकारी
जालोर जिले का रामसीन थाना क्षेत्र मानो इन दिनों अपराध का गढ़ बनता जा रहा हैं। बनेगा भी क्यों नही जब अपराधियों पर नकेल कसने वाले पुलिस महकमें के अधिकारियो ने ही अपराधियो को शरण देना शुरू कर दिया हैं।
- परमिशन गोदाम की लेकिन संचालित हो रही शराब की दुकानें
- वहीं क्षेत्र के कई गांवों में अवैध तरीके संचालित हो रही ब्रांचें
- थानाधिकारी की मिलीभगत से क्षेत्र में फल फूल रहा शराब का काला कारोबार
रामसीन (जालोर)
जालोर जिले का रामसीन थाना क्षेत्र मानो इन दिनों अपराध का गढ़ बनता जा रहा हैं। बनेगा भी क्यों नही जब अपराधियों पर नकेल कसने वाले पुलिस महकमें के अधिकारियो ने ही अपराधियो को शरण देना शुरू कर दिया हैं। रामसीन थाना क्षेत्र में इन दिनों शराब की अवैध दुकानों की बाढ़ सी आ गई हैं। सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकानों के अलावा यहां हर गांव हर गली में ब्रांच के नाम पर अनगिनत अवैध दुकानें संचालित की जा रही हैं। शराब ठेकेदारो और पुलिस की सांठगांठ के चलते यहां नियम कायदे सब गौण नज़र आ रहे हैं। कई शराब ठेकेदारो ने अवैध दुकानों को लाइसेंस वाली दुकान दिखाने के लिए आबकारी विभाग से गोदाम की परमिशन ले रखी हैं। जहां खुलेआम शराब बेची और परोसी जा रही हैं। जबकि नियमानुसार इन गोदामों में सिर्फ शराब का स्टॉक किया जा सकता हैं, यहां से एक बोतल भी किसी ग्राहक को बेचना अपराध हैं। और अगर कोई ठेकेदार ऐसा करते पकड़ा जाता हैं तो उसकी दुकान का लाइसेंस ही निरस्त करने का प्रावधान हैं। पर आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत से यहां इन गोदामों पर खुलेआम शराब की बिक्री देखी जा सकती हैं। हर जगह पर अवैध तरीके से शराब की दुकानें लगा दी गई हैं। जहां पूरे दिन शराबियो का जमावड़ा लगा रहता हैं। इन शराब की दुकानों के पास शराबियो के लिए बाकायदा बैठने की व्यवस्था भी की गई हैं ताकि शराबी शराब की बोतल लेकर यहां आराम से बैठकर शराब पी सके।
अवैध ब्रांचों से सरकार को करोड़ो की राजस्व हानि
रामसीन थाना क्षेत्र में आबकारी विभाग ने कुल 8 शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए हुए हैं। जहाँ शराब बेचने की स्वीकृति हैं। लेकिन यहां इन 8 लाईसेंस शुदा दुकानों के अलावा करीब 40 अवैध ब्रांचे संचालित हो रही हैं। क्षेत्र का ऐसा एक भी गांव नही होगा जहां शराब नही मिलती हो। करीब 40 दुकाने बिना लाइसेंस के ही अवैध तरीके से संचालित हो रही हैं। पर ये ना तो रामसीन थाना पुलिस को नज़र आ रही हैं और ना ही आबकारी विभाग को। जिसका फायदा शराब माफिया अवैध शराब बेचकर करोड़ो रुपये की काली कमाई कर रहे हैं। जिससे राज्य सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ो का राजस्व नुकसान हो रहा हैं।
इन गांवों में संचालित हो रही अवैध ब्रांचे
रामसीन थाना क्षेत्र के बुगांव, तवाव, थुर, सोमता, सीकवाड़ा, तातोल, गोला, वाड़कागोगा, बासड़ाधनजी, सेरणा, मोदरा, सिणधरा, चांदुर, जोड़वाड़ा, लुर, गांवों में अवैध शराब की ब्रांचे संचालित हो रही हैं।