Bhinmalनर्मदा नीर आंदोलन: भीनमाल मांगे नर्मदा नीर आंदोलन के तहत लोगों ने निकाला मशाल जुलूस, मांग पूरी नहीं तो 27 सितंबर से होगा चक्का जाम

जालोर के भीनमाल क्षेत्रवासिंयो को पेयजल संकट से निजात दिलवाने की मांग को लेकर नगरवासियों द्वारा गठित नर्मदा नीर संघर्ष समिति द्वारा संचालित अनिश्चितकालीन आंदोलन, धरना प्रदर्शन और पीएम व सीएम के नाम हस्ताक्षर अभियान दिनोंदिन जोर पकड़ता नजर आ रहा है। यदि सरकार व प्रशासन द्वारा आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया गया.....

भीनमाल।
जालोर के भीनमाल(Bhinmal) क्षेत्रवासिंयो को पेयजल संकट से निजात दिलवाने की मांग को लेकर नगरवासियों द्वारा गठित नर्मदा नीर संघर्ष समिति(Narmada Neer Sangharsh Samiti) द्वारा संचालित अनिश्चितकालीन आंदोलन, धरना प्रदर्शन और PM व CM के नाम हस्ताक्षर अभियान(Signature Campaign) दिनोंदिन जोर पकड़ता नजर आ रहा है। यदि सरकार व प्रशासन द्वारा आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया गया तो क्षेत्र में कानून व्यवस्था का संकट उत्पन्न हो सकता है। आंदोलन के तहत संघर्ष समिति की ओर से 26 सितंबर तक इंतेजार करने के बाद चक्का जाम(Traffic Jam) पर फैसला किया जाएगा।  अभियान के तहत शुक्रवार शाम को शहर में विशाल मशाल (mashaal) जुलूस निकाया गया। जुलूस स्थानीय गायत्री मंदिर प्रांगण से रवाना होकर विवेकानंद सर्किल, खारी रोड़, घांचियो का चौहटा, धोराढ़ाल, संतोषी माता मंदिर, जाल वाल चौहटा, पुराना पुनासा बस स्टेण्ड, गांधी चौक, पूरानी जुजांणी बस स्टेण्ड, मुख्य बाजार, महालक्ष्मी मंदिर, गणेश चौक, वाराहश्याम मंदिर, पुरानी सब्जी मंडी, पीपली चौक, माघ चौक, महावीर चौराहा, अंबडेकर चौराहा व श्री क्षेमकरी माता सर्किल सहित शहर के विभिन्न गली-मोहल्लों होकर पुन: गायत्री मंदिर प्रांगण पहुंचा। शनिवार को राजकीय अवकाश के बावजूद स्थानीय उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना जारी रहा। इस दौरान दर्जनभर वक्ताओं ने नर्मदा नीर को लेकर नगर सहित उपखंड क्षेत्र में लोकतांत्रिक तरीके से संचालित जनजागरण व आंदोलन के बावजूद प्रशासन द्वारा आंदोलनकारी नगरवासियों की मांगों को नजरअंदाज करने पर नाराजगी जताई।


लोगों के आंदोलन को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी
सदस्यों ने बताया पेयजल संकट से निजात पाने के लिए शहरवासियों द्वारा राजनीति(Politics) से ऊपर उठकर लोकतांत्रिक तरीके से संचालित आंदोलन, धरना प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान व वार्डस्तर पर जागरूकता के बावजूद आज दिन तक किसी भी दल के प्रतिनिधि द्वारा शहरवासियों की समस्या को लेकर सरकार तक बात नहीं पहुंचाने की वजह से आमजन में भारी आक्रोश व्याप्त है। यदि सरकार व प्रशासन द्वारा नगरवासियों की वाजिब मांग को नजर अंदाज करना जारी रहा तो आंदोलन बड़ा रूप धारण कर सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी को ७५ वर्ष गुजर गए है। लेकिन भीनमाल विधानसभा क्षेत्र के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है। इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है! उन्होंने कहा कि नर्मदा नहर परियोजना का पानी भीनमान विधानसभा को छोडक़र जालोर व आहोर विधानासभा क्षेत्र के मिल रहा है, जबकि उक्त पानी भीनमाल विधानसभा(Bhinmal Assembly) क्षेत्र से होकर गुजर रहा है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व अनदेखी की वजह से तेरह वर्षो में परियोजना का मात्र ५० प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो पाया है। यदि कार्य कर रफ्तार यही रही तो आगामी ७ से ८ वर्षो में भी नर्मदा का पानी नसीब होना ना मुमकिन आ रहा है।

ये रहे उपस्थित 
समिति के सदस्य शेखर व्यास(Shekhar Vyas), जोरावरसिंह राव, मोहनसिंह सिसोदिया, दिनेश दवे नवीन, नरेन्द्र आचार्य, शैतानसिंह भाटी, मांगीलाल गहलोत ,जबराराम भाटी, श्रवणसिंह राव, कुलदीप याज्ञी, मनोनीत पार्षद जयंतीलाल , अशोकसिंह ओपावत, सतीन सैन, दिनेश भट्ट, कपूरचंद गहलोत, महेन्द्र सोंलकी, मीठालाल संदेशा ,आनंद शर्मा ,भावेश , राजेंद्र सिंह राजपुरोहित , अरविंद माली , प्रवीण ,महेंद्र दर्जी , ABVP दीपक देवासी , अंकित दुआ , नटवर त्रिवेदी , विकास सोलंकी , राहुल भाटी , महेन्द्र , राजूसिंह माली, मुकेश सुदेंशा, घेवरचंद राजपुरोहित, सांवलाराम परमार व पृथ्वीराज फुलवारिया  सहित बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद थे।