उत्तर पश्चिम रेलवे प्रथम: भारतीय रेलवे: वर्ष 2021-22 में 265 किलोमीटर निर्माण परियोजनाओं को पूर्ण कर उत्तर पश्चिम रेलवे ने प्राप्त किया प्रथम स्थान

उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 265 किलोमीटर निर्माण परियोजनाओं को पूरा किया जो कि सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर अधिकतम है। रेल उपयोगकर्ताओं को इसका समयानुसार लाभ मिल सकें। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 265 किलोमीटर निर्माण परियोजनाओं को पूरा किया गया है।

जयपुर। 
उत्तर पश्चिम रेलवे पर आधारभूत ढ़ांचे को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया है। इसके फलस्वरूप आमान परिवर्तन, दोहरीकरण, नई लाइनों व विद्युतीकरण के कार्यों को लक्ष्यानुसार पूरा किया जा रहा है। 
इसी क्रम में उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 265 किलोमीटर निर्माण परियोजनाओं को पूरा किया जो कि सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर अधिकतम है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार विजय शर्मा, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्देशानुसार निर्माण परियोजनाओं को पूर्ण करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
रेल उपयोगकर्ताओं को इसका समयानुसार लाभ मिल सकें। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 265 किलोमीटर निर्माण परियोजनाओं को पूरा किया गया है। यह विगत 10 वर्षों में सर्वाधिक है तथा यह इस वर्ष सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर अधिकतम है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग पर वर्ष 2021-22 में मात्र 5 माह में 128 किलोमीटर मार्ग का दोहरीकरण पूर्ण कर रेल संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है। 
फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग के डेगाना-बोरावड (38 किलोमीटर), डेगाना-मेडता रोड (44 किलोमीटर), मेडता रोड-खारिया खंगारिया (26 किलोमीटर) तथा बोरावड-कुचामन सिटी (20 किलोमीटर) रेलखण्डों का दोहरीकरण 27.10.2021 से 15.03.2022 तक पूर्ण कर रेल संचालन प्रारम्भ किया गया।


फुलेरा-जोधपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए शेष रहे रेलखण्ड कुचामन सिटी-नावां सिटी को जुलाई 2022, खारिया खंगार-पीपाड रोड को मई 2022, पीपाड रोड-राई का बाग को दिसम्बर 2022 तथा नावां सिटी-फुलेरा को जनवरी 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आमान परिवर्तन के कार्यां को भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 134 किलोमीटर रेलखण्ड का आमान परिवर्तन किया गया।
इसमें मावली-बडी सादडी (82 किलोमीटर) तथा डूंगरपुर-जयसंमद (52 किलोमीटर) रेलखण्ड सम्मिलित है। उदयपुर सिटी-हिम्मतनगर रेल परियोजना (208 किलोमीटर) के हिम्मतनगर-जयसंमद (147 किलोमीटर) व उदयपुर सिटी-खारवाचांदा (24 किलोमीटर) रेलखण्डों का आमान परिवर्तन हो चुका है।
हिम्मतनगर से डूंगरपुर के मध्य रेल संचालन भी प्रारम्भ कर दिया गया है। इस रेलखण्ड के जयसंमद-खारवाचांदा 37 किलोमीटर रेलखण्ड का आमान परिवर्तन का कार्य मई 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
इस परियोजना के पूर्ण होने पर उदयपुरसिटी से अहमदाबाद तक सीधा सम्पर्क स्थापित हो जाएगा तथा मुम्बई के लिये वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।
इसके साथ ही दौसा-गंगापुर नई लाइन के पीपलाई-डीडवाना 35 किलोमीटर रेलखण्ड के कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य दिसम्बर 2022 रखा गया है।
आवागमन, विकास तथा रोजगार के ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे पर नई रेल लाइनों, आमान परिवर्तन तथा दोहरीकरण के कार्य पूर्ण क्षमता के साथ किये जा रहे है, विगत वर्षों में निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट का आंवटन किया गया है।
इससे इन परियोजनाओं को समयानुसार पूर्ण किया जा सके ताकि इनकी लागत में वृद्वि न हो और समय से यात्री इनका लाभ प्राप्त कर सकें। 
भारतीय रेल की प्रतिबद्वता है कि रेल का विकास-देश का विकास को आधार मानकर रेलवे का आधारभूत ढांचा मजबूत बनाकर अधिकाधिक सुविधाएं रेल उपभोक्ताओं को प्रदान की जाए।