Jalore @ प्रशासन की बड़ी "लापरवाही": जालोर में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों की बड़ी लापरवाही, जिस चाटवाड़ा सरपंच को कोर्ट ने 1 माह पूर्व ही अयोग्य घोषित कर दिया, वो "प्रशासन गांवों संग अभियान" में कर रहा है "सरपंच" के हस्ताक्षर
प्रशासन गांवों संग शिविर में जालोर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई। शिविर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधायक की मौजूदगी में घोर लापरवाही सामने आने से इस अभियान के प्रति अधिकारियों की गंभीरता को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
गणपत सिंह मांडोली
जालोर।
जालोर के रानीवाड़ा पंचायत समिति में आज प्रशासन गांवों संग अभियान के तहत शिविर लगाया गया। शिविर में जालोर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई। शिविर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विधायक की मौजूदगी में घोर लापरवाही सामने आने से इस अभियान के प्रति अधिकारियों की गंभीरता को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया। आप को बता दें कि प्रशासन गांवों संग अभियान में ग्रामीणों को दिए जाने वाले दस्तावेजों में एक अयोग्य सरपंच के हस्ताक्षर कराए जा रहे है।
जी हां, एक माह पहले जिस चाटवाड़ा सरपंच को कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव जीतने के मामले में अयोग्य घोषित कर दिया था, वो चाटवाड़ा सरपंच आज प्रशासन गांवों संग अभियान में विधायक, एसडीएम, बीडीओ के साथ मंच पर बैठकर ग्रामीणों के कार्य कर रहा है। इतना ही नहीं, सरपंच ग्रामीणों के दस्तावेज सत्यापित कर रहा है और सरपंच से सत्यापित दस्तावेजों पर बिना देखे तहसीलदार, रानीवाड़ा भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।
प्रशासन गांवों संग शिविर की फोटो शेयर कर रहे है अयोग्य सरपंच साहब
चाटवाड़ा सरपंच के पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद भी महेश देवासी बतौर सरपंच बनकर सरकारी दस्तावेजों को सत्यापित कर रहा है। आज 2 नवंबर 2021 को ग्राम पंचायत चाटवाड़ा में प्रशासन गांवों संग अभियान के तहत शिविर लगाया गया। शिविर में महेश देवासी बतौर सरपंच मंच पर बैठे हुए थे। इतना ही नहीं, अयोग्य सरपंच महेश देवासी के पास विधायक, एसडीएम रानीवाडा, बीडीओ भी मंच पर उपस्थित रहे। शिविर आयोजित होने के बाद महेश देवासी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शिविर की फोटो लगाते हुए तस्वीर शेयर की।
यह है मामला
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा कर चाटवाड़ा पंचायत के सरपंच बने महेश देवासी को डेढ़ साल बाद कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया। देवासी ने फर्जीवाड़ा जनवरी 2020 में हुए चुनाव के दौरान किया गया था। चाटवाड़ा सरपंच महेश देवासी ने नामांकन में कूटरचित व फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। सरपंच ने नामांकन के दौरान ग्राम पंचायत चाटवाड़ा के सहायक ग्राम सेवक भलाराम द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था। जांच के दौरान उक्त जन्म प्रमाण-पत्र फर्जी पाया है। सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 21 वर्ष उम्र की अनिवार्यता है। लेकिन चाटवाड़ा के सरपंच महेश देवासी चुनाव के दौरान 19 साल के ही थे। देवासी ने पंचायत से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर 3 साल उम्र बढ़वा दी थी।
कोर्ट ने 29 सितंबर को किया अयोग्य घोषित
चाटवाड़ा निवासी करण सिंह पुत्र नारायण सिंह ने 12 फरवरी 2020 को वरिष्ठ सिविल न्यायालय भीनमाल में याचिका दायर की थी। आरोप था कि सरपंच ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नंदपालसिंह देवड़ा ने पैरवी की। भीनमाल के वरिष्ठ सिविल न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बृजपालदान चारण ने सुनवाई के बाद सरपंच महेश देवासी को 29 सितंबर 2021 को अयोग्य घोषित करार दिया।