Jaipur @ विश्व शौचालय दिवस पर परिचर्चा: विश्व शौचालय दिवस के उपलक्ष में सी—फॉर के नेतृत्व में सेमिनार आयोजित, ट्रांसजेंडर, बुजुर्ग और नि:शक्तजनों की सार्वजनिक शौचालय समस्या पर किया ध्यान आ​कर्षित

सी—फॉर के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर रवि किरण ने सभी प्रति​निधियों से विश्व शौचालय दिवस पर अपनी प्रति​बद्धता और जिम्मेदारियों को दोहराने का आग्रह किया।

जयपुर। 
विश्व शौचालय दिवस पर सिंगल फोरम विंडो, सामुदायिक प्रबंधन कमेटी, स्वयं सहायता समूह,24 वार्डों की कच्ची बस्ती विकास समिति सदस्यों के साथ जयपुर नगर निगम, स्वच्छ भारत मिशन, सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता विभाग और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के प्रति​निधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सी—फॉर की ओर से वाटर फॉर वूमेन फंड आस्ट्रेलिया प्रोजेक्ट के तहत आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान नगर निगम के उपायुक्त आशीष कुमार, पार्षद नरेश नागर,एनएचएम से दिनेश सिंह मीणा, अशोक बैरवा, एनयूएलएम से अनिता मित्तल, सहायक अभियंता प्रियंका शर्मा और पुष्पा माई की उपस्थिति में शौचालय सीट और नि:शक्तजनों के हाथ धोने के 50 स्टेशन प्रधान किए गए। सी—फॉर के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर रवि किरण ने सभी प्रति​निधियों से विश्व शौचालय दिवस पर अपनी प्रति​बद्धता और जिम्मेदारियों को दोहराने का आग्रह किया। किरण ने कहा कि हमारा प्रयास है कि नि:शक्तजन, ट्रांसजेंडर, बुजुर्गों के साथ हर जरूरतमंदों शौचालय का आसानी से उपयोग कर सकें। हमारा सिंगल विंडो फोरम और सामुदायिक प्रबंधन कमेटी शहरी प्रशासन के साथ मिलकर सभी 68 कच्ची ​बस्तियों में यह सुनिश्चित करेंगी कि यह मूलभूत सुविधा से कोई भी वंचित ना रहें।

इस दौरान सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव समित शर्मा ने सभा  में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए जिम्मेदारी लेंं और इस महामारी में हमारा यह सबसे प्रमुख कर्तव्य है कि हम स्वयं को संक्रमण से दूर रखें। इसके साथ ही हमें अपने व्यवहार में भी स्वच्छता को अपनाना चाहिए। अगर बात बुजुर्ग, नि:शक्तजन और ट्रांसजेंडर की हो तो उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। क्योंकि इन समूह के लोगों तक बुनियादी सुविधाएं सही तौर पर पहुंच नहीं पाती। ऐसे में हमें इन लोगों से अधिक जुड़ाव की आवश्यता हैं। हमें इन लोगों से भौतिक जुड़ाव के साथ आर्थिक और सेवा के तौर पर भी जुड़ना चाहिए।


कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य और नईभोर संस्थान की संस्थापक पुष्पा माई ने ट्रांसमेन और ट्रांसवुमेन की समस्याओं पर प्रकाश डाला। पुष्पा माई ने कहा कि ट्रांसजेंडर आज भी सार्वजनिक शौचालयों में उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अलग से शौचालय की आवश्यकता नहीं हैं, लेकिन हम समाज की मुख्यधारा का ही हिस्सा बनना चाहते है। पुष्पा माई ने कहा कि  ट्रांसजेंडर साइन ही हमारे समुदाय में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। इसलिए हमारा एसजेईडी से अनुरोध है कि वे सार्वजनिक शौचालयों पर ट्रांसजेंडर साइन जल्द से जल्द लगाएंं। नगर निगम हैरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए दैनिक जीवन में स्वच्छता पर जोर दिया। जयपुर हैरिटेज निगम खुले में शौच मुक्त बनाए रखने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही निगम का प्रयास है कि शहरी कच्ची बस्तियों में बुजुर्गों, विकलंगों के साथ महिला व लड़िकयों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था की जाए। निगम के उपायुक्त आशीष कुमार ने कहा कि सिंगल विंडो फोरम और समुदाय प्रबंधन कमेटी के सदस्य निगम की गरीब परिवारों तक पहुंचने में मदद करेंगे। इसके साथ ही उन लोगों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने में भी जागरूक करेंगे। कुमार ने कहा कि ये सदस्य जरूरतमंदों की पहचान करने के साथ ही उनकी समस्यों के समाधान में भी निगम की सहायता करेंगे। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की उपायुक्त अनिता मित्तल ने सी—फॉर से कहा कि वे स्वयं सहायता समूह के क्षेत्र स्तरीय फेडरेशन तैयार करें जो आत्मनिर्भर उद्यमी और सशक्त महिला नेता बन जाए। इस दौरान किशोर मंच की गिन्नी, सोनिया और इशरत ने सार्वजनिक स्थानों पर मासिक धर्म सुविधाओं, पानी, धोने की सुविधा और स्कूलों में ल​ड़कियों की देखभाल के लिए महिलाओं की कमी की ओर ध्यान आ​कर्षित किया। उन्होंने बताया कि इन परेशानियों के चलते कई लड़कियां स्कूल तक छोड़ देती है, ऐसे में अधिकारियों को ऐसी लड़कियों को सपोर्ट करना चाहिए।