world wetland day पर सफाई अभियान: विश्व नम भूमि दिवस पर सफारी संचालकों ने जवाई बांध क्षेत्र में चलाया सफाई अभियान, बांध के कैचमेंट एरिया से निकाला कचरा

विश्व नम भूमि दिवस के अवसर पर बेड़ा क्षेत्र के सफारी संचालकों द्वारा जवाई बांध में सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान बांध क्षेत्र में जाकर संगठन के सभी युवाओं ने बांध के कैचमेंट एरिया से प्लास्टिक, पॉलीथिन, कांच की बोतल, मछली पकड़ने के जाल जैसा फैला हुआ कचरा एकत्रित किया। 

पाली।
विश्व नम भूमि दिवस (world wetland day) के अवसर पर बेड़ा क्षेत्र के सफारी संचालकों द्वारा जवाई बांध में सफाई अभियान चलाया गया।
इस दौरान बांध क्षेत्र में जाकर संगठन के सभी युवाओं ने बांध के कैचमेंट एरिया से प्लास्टिक, पॉलीथिन, कांच की बोतल, मछली पकड़ने के जाल जैसा फैला हुआ कचरा एकत्रित किया। 
सफारी संचालकों ने सफाई के बाद बांध में घूमने आए पर्यटक व स्थानीय लोगों से बांध को साफ सुथरा रखने की भी अपील की। 
संगठन के सदस्यों ने बांध में बैठकर शराब पीने व बोतल फोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करवाने की बात भी कही। 
इस अवसर पर पुष्पेंद्र सिंह राणावत, एमपी सिंह चौहान,  इरफान अली, भरत सिंह चौहान, गोपाल सिंह चौहान, उत्तम दवे, महिपाल सिंह, गफ्फार अली,  रमेश मीणा, भेराराम, अशोक, विष्णु, दलपत, बलवंत सिंह, प्रकाश देवासी, विपुल, धीरज माली मौजूद रहे।
     जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है। बांध तथा इसके आस-पास क़े इलाकों को साफ सफाई रखने की सभी की जिम्मेदारी है। 
जवाई बांध के डूब क्षेत्र से दिखने वाले सुरम्य पहाड़ी नजारे का आनंद लेने, मगरमच्छों व कई प्रजाति के पक्षियों को देखने रोजाना पर्यटकों का जमावड़ा लगता है।
कुछ लापरवाह लोग यहां आकर गंदगी फैलाते है। इससे बांध में जगह जगह प्लास्टिक बैग, पॉलिथीन, शराब की बोतलें बिखरी हुई दिखती है, जो बांध की प्राकृतिक सुंदरता प्रभावित हो रही है।

इधर, राजधानी जयपुर के बरखेड़ा बांध पर समारोह
राज्य आद्रभूमि प्राधिकरण, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं वन विभाग की ओर से विश्व नम भूमि (वेटलैंड्स) दिवस पर बुधवार को जयपुर जिले की चाकसू तहसील के बरखेड़ा बांध पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख शासन सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रेया गुहा ने की। उन्होंने नम भूमियों का संरक्षण समाज की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है।
गुहा ने बताया कि वर्ष 2022 के लिए विश्व नम भूमि दिवस की थीम ‘वेटलैंड्स एक्शन फॉर पीपल एंड नेचर’ है। नम भूमियों का संरक्षण वन्यजीव जन्तुओं एवं पशु पक्षियों के लिये तो आवश्यक है ही, साथ ही ये पर्यावरण संतुलन के लिये भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह प्राथमिकता है कि इस तरह में कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से समुदाय को पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से जोड़कर उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनायें।
नम भूमियों की उपयोगिता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इन नम भूमियों में जब पानी रहता है तो उससे भूजल स्तर बढने के साथ साथ जलीय जीवों के लिए भी वह आवास के रूप में कार्य करता है। राज्य में नम भूमि संरक्षण हेतु करीबन 12 हजार वेटलैंड्स चिह्वित हैं। 
राज्य स्तरीय कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया एवं बरखेड़ा बांध नम भूमि क्षेत्र की साफ-सफाई का कार्य स्थानीय लोगों एवं युवाओं के सहयोग से किया गया।
बरखेड़ा बांध पर लगभग 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जाते है जिनका बर्ड वॉचिंग सेशन भी किया गया। इसके साथ ही अवेयरनेस केम्पेनिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं निबंध लेखन जैसी गतिविधियां भी की गई।