प्रवर्तन निदेशालय का बड़ा फैसला: विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की जब्त संपत्ती बैंकों को देगा ईडी
भारत सरकार ने बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर सख्ती शुरू कर दी है। सरकार की ओर से अब इन भगौड़ों की सम्पत्ति बैंकों को सौंप दी जाएगी। इससे निलामी के बाद वसूली की जाकती है।
नई दिल्ली।
भारत सरकार ने बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर सख्ती शुरू कर दी है। सरकार की ओर से अब इन भगौड़ों की सम्पत्ति बैंकों को सौंप दी जाएगी। इससे निलामी के बाद वसूली की जाकती है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को इस मामले में बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकारी एजेंसी विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) की जब्त संपत्तियों को केंद्र और सरकारी बैंकों को सौंपेगी। ईडी के मुताबिक बैंकों के कुल लॉस का 80.45% संपत्ति जब्त है। जब्त संपत्ति करीबन 18,170.02 करोड़ रुपए की है, जो बैंकों के कुल लॉस का लगभग 80.45% है।
जानकारी के मुताबिक इसमें से 9,371.17 करोड़ रुपए के असेट्स को वह सरकार और पब्लिक सेक्टर के बैंकों को देगी। सोशल मीडिया पोस्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने लिखा है कि भगोड़े कारोबारियों की इन संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जब्त किया गया था। अब ED द्वारा जारी बयान के मुताबिक तीनों कारोबारियों ने सरकारी बैंकों को 22,585.83 करोड़ रुपए का घाटा किया है। तीनों भगोड़े कारोबारियों पर हजारों करोड़ रुपए के फ्रॉड का केस चल रहा है। शराब कोरोबारी विजय माल्या पर करीब 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है। उसने अपनी एयरलाइन कंपनी किंगफिशर के लिए थे। हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक ( Punjab National Bank)के साथ 13,500 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। वहीं ब्रिटेन के जेल में बंद नीरव मोदी पर भी पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ रुपए के फ्रॉड का आरोप है। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर PMLA कानून के तहत जांच चल रही है। इनको UK, एंटीगुआ और बारबुडा से भारत लाने की प्रक्रिया जारी है।