बाल कल्याण समिति में तलब Sirohi Police: बाल कल्याण समिति ने नाबालिग बालिका से जुड़े प्रकरण में सिरोही के कालंद्री पुलिस थानाधिकारी को किया तलब

बाल कल्याण समिति ने एक नाबालिग बालिका से जुड़े प्रकरण में सिरोही जिले के कालंद्री पुलिस थानाधिकारी को तलब किया है। प्रकरण में नाबालिग बालिका को अविलम्ब न्यायपीठ में पेश करने के आदेश की अवहेलना करने पर बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) ने कालंद्री थानाधिकारी के विरुद्ध संज्ञान लेते स्पष्टीकरण मांगा है।

सिरोही।
बाल कल्याण समिति(Child Welfare Committee) ने एक नाबालिग बालिका से जुड़े प्रकरण में सिरोही जिले के कालंद्री पुलिस थानाधिकारी(Kalandri Police Station Officer) को तलब किया है। प्रकरण में नाबालिग बालिका को अविलम्ब न्यायपीठ में पेश करने के आदेश की अवहेलना करने पर बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) ने कालंद्री थानाधिकारी के विरुद्ध संज्ञान लेते स्पष्टीकरण मांगा है। थानाधिकारी 24 अगस्त को पेश होकर जवाब देंगे। इतना ही नहीं, समिति ने थानाधिकारी पर टिप्पणी की है कि क्यों ना आपके खिलाफ उच्च अधिकारियों एवं आयोग को लिखा जाकर आपके खिलाफ कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करवाई जाए।
जानकारी के मुताबिक बाल कल्याण समिति न्यायपीठ सिरोही के सदस्य प्रताप सिंह नून(Pratap Singh Noon), उमाराम देवासी, प्रकाश माली(Prakash Mali) की ओर से कालन्द्री थानाधिकारी को अपहरण के मामले में दर्ज प्रकरण न्यायपीठ के समक्ष नाबालिग बालिका को दस्तयाब कर पेश नहीं करने पर तलब किया। जिला पुलिस अधीक्षक (District Superintendent of Police)को भी इस प्रकरण से अवगत करवाया गया। नाबालिग बालिका के पिता ने 12 अगस्त को बाल कल्याण समिति के कार्यालय में उपस्थित होकर एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को चुरू का मिस्त्री लक्ष्मीनारायण उर्फ लक्ष्मी प्रजापत जबरन गलत काम करने की नियत से ब्लेकमेलिंग कर अपहरण कर ले गया। इस पर बाल कल्याण समिति सिरोही के न्यायपीठ के अध्यक्ष रतन बाफना (President Ratan Bafna) व सदस्य प्रताप सिंह नून व प्रकाश माली ने उक्त आवेदन पर संज्ञान लेकर कालंद्री थानाधिकारी को पत्र प्रेषित कर सूचित किया था कि उक्त प्रकरण में गम्भीरता से नाबालिग बालिका को अविलम्ब ढूंढकर बाल कल्याण समिति सिरोही के समक्ष प्रस्तुत करें, लेकिन SHO ने बाल कल्याण समिति, सिरोही के न्यायपीठ के आदेश की उपेक्षा व अवहेलना कर उक्त नाबालिग को न्यायपीठ के समक्ष प्रस्तुत किए बिना ही अपनी मनमर्जी से उक्त नाबालिग को अपनी कानूनी अधिकारिता से बाहर जाकर संरक्षकता किस व्यक्ति को सुपुर्द की है। इस पर समिति की न्यायपीठ द्वारा थानाधिकारी के खिलाफ उक्त प्रकरण का संज्ञान लेकर टिप्पणी की है।