पेयजल संकट का समाधान "बीठन" बांध: जालौर के रामसीन इलाके के गांवों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है बीठन बांध, मगर सरकारी उदासीनता के चलते लाल बस्ते से बाहर नहीं निकल पा रही योजना

रामसीन क्षेत्र के गांवों में पेयजल संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है। बावजूद इसके सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि बीठन बांध से पेयजल योजना सरकारी फाइलों से बाहर तक नहीं निकल पा रही। आश्चर्य वाली बात यह है कि गांवों में पेयजल के सप्लाई में आर्थिक सहयोग के लिए भामाशाह तक तैयार है, लेकिन सरकारी महकमे की ओर से पहल तक नहीं की

जालौर। 
रामसीन क्षेत्र के गांवों में पेयजल संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है। बावजूद इसके सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि बीठन बांध से पेयजल योजना सरकारी फाइलों से बाहर तक नहीं निकल पा रही। आश्चर्य वाली बात यह है कि गांवों में पेयजल के सप्लाई में आर्थिक सहयोग के लिए भामाशाह तक तैयार है, लेकिन सरकारी महकमे की ओर से पहल तक नहीं की जा रही। 
जानकारी के मुताबिक गहराए पेयजल संकट की समस्या के निजात के लिए विभाग की ओर से बीठन बांध से पानी लाने की योजना अब तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की ओर से अब तक इस ओर ध्यान नहीं देने से लोगों को पेयजल संबंधी भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आप को यहां बता दें कि गत दिनों ग्राम पंचायत रामसीन में उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश की अध्यक्षता में पेयजल समस्या के समाधान को लेकर विशेष बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में पेयजल समस्या से निजात के लिए मुख्य रुप से बीठन बांध के ओवरफ्लो क्षेत्र में कुंआ खोदकर पानी लाने की मांग की गई थी। इसके लिए भामाशाह गोपालसिंह की ओर से बीठन बांध के ओवरफ्लो क्षेत्र में कुंए निर्माण की घोषणा तक कर दी गई।  बैठक में सरपंच चन्द्रवीरसिंह ने भी ग्राम पंचायत की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया था। वर्तमान में रामसीन, मांडोली, पुनक, रतपुरा एवं झाक गांव में पेयजल की भारी किल्लत है।
पेयजल के लिए उपयुक्त बांध का पानी
क्षेत्र के बीठन बांध का नीर आसपास के गांवों की प्यास बुझाने के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। कई बार गर्मियों में सिणधरा बांध से पानी का जलस्तर कम हो जाने के बाद पेयजल की भारी समस्या हो जाती है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि बीठन बांध में कुंए का निर्माण कर पेयजल समस्या से निजात मिल सकती है। 
प्रशासन के प्रयास जारी
क्षेत्र की पेयजल समस्या के निजात के लिए पुरी तरह से प्रयास किए जा रहे है। जल संसाधन विभाग ने अनुमानित कुल 25 लाख रुपए का बजट बताया है। ग्रामीण भी अपने स्तर पर विधायक, सांसद से मिलकर पाईप लाईन, विद्युत कनेक्शन आदि के लिए बजट आवंटित करवा सकते है। 
ओमप्रकाश
उपखंड अधिकारी जसवंतपुरा

भामाशाह ने बढ़ाया कदम
क्षेत्रवासियों की पेयजल समस्या के निजात के लिए बीठन बांध उपयुक्त है। यदि विभाग इस ओर ध्यान देता है तो कुएं के निर्माण की बीडा मैं उठाने के लिए तैयार हुं। 
-गोपालसिंह रामसीन-भामाशाह