विश्व: बीजिंग ने पिछले एक दशक में वायु प्रदूषण को काफी कम किया, लेकिन कैसे?

News from CMG , China (24th. August).
बीजिंग, 24 अगस्त। स्थानीय अधिकारियों द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल चीन की राजधानी बीजिंग के निवासियों ने 288 दिनों के लिए अच्छी या मध्यम रूप से अच्छी हवा में सांस ली, जो साल 2020 की तुलना में 12 दिन अधिक है।

हो सकता है कि यह खबर कई लोगों के लिए महत्वपूर्ण न हो, लेकिन बीजिंग के 2 करोड़ से अधिक निवासियों के लिए, यह किसी अनमोल उपहार से कम नहीं है।

दरअसल, देश के उत्तर और पश्चिमोत्तर क्षेत्र से लगातार रेतीले तूफान और क्षेत्र के औद्योगीकरण के कारण बीजिंग लंबे समय से वायु प्रदूषण से पीड़ित रहा। इस राजधानी को हर साल कई खतरनाक रेतीले तूफानों का सामना करना पड़ता था।

इतना ही नहीं, सर्दियों में ताप प्रदान करने और पूरे साल बिजली पैदा करने के लिए कोयला जलाने और वाहनों की बढ़ती संख्या से भी वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा हो जाता था।

साल 2013 में, जब बीजिंग ने प्रति घंटा वायु प्रदूषण सूचकांक जारी करना शुरू किया, तो यह पाया गया कि साल के केवल 176 दिनों के लिए वायु गुणवत्ता अच्छी या मध्यम रूप से अच्छी थी। और शेष दिनों में, 58 दिनों को खतरनाक के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

तब केंद्र और स्थानीय सरकारों ने पर्यावरण संरक्षण नियमों को मजबूत करने का फैसला किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीजिंग के निवासी ताजी हवा में सांस ले सकें और अधिक नीले आकाश के दिनों का आनंद उठा सकें।

हालांकि, बीजिंग के लिए यह जल्दी कर पाना असंभव के समान था, क्योंकि कई विकसित देशों को अपनी हवा को शुद्ध करने में दशकों लग गए थे। लेकिन अपनी योजना को सफल करने में जूठे बीजिंग ने यह चमत्कार कर दिखाया। पिछले 9 सालों में, बीजिंग में ढट2.5 की सांद्रता 63 प्रतिशत घटी है, जो प्रति वर्ष औसतन 7.9 प्रतिशत की गिरावट है।

साल 2013 से पहले, बीजिंग में मुख्य रूप से कोयले का उपयोग बिजली उत्पादन और हीटिंग दोनों के लिए किया जाता था। लेकिन पिछले एक दशक में, शांक्सी प्रांत में सैकड़ों कोयला खदानों को बंद कर दिया गया। अब बिजली उत्पादन के लिए स्वच्छ ईंधन और हीटिंग के लिए गैस का इस्तेमाल किया जाने लगा है।

एक दशक पहले, हपेई प्रांत, जो बीजिंग से सटा हुआ है, अपने फलते-फूलते लौह और इस्पात उद्योग के लिए जाना जाता था, जिसका वार्षिक उत्पादन दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक, भारत से अधिक था। लेकिन प्रदूषण कम करने के लिए चीन ने स्टील का उत्पादन कम कर दिया, जिससे कई प्लांट बंद हो गए हैं।

इसके अलावा, चीन ने बीजिंग के उत्तर और पश्चिमोत्तर में अरबों पेड़ लगाकर रेतीले तूफान की तीव्रता और संख्या को भी कम किया है।

ये तथ्य बताते हैं कि बीजिंग ने यह चमत्कार आसानी से नहीं किया है। इसके पीछे केंद्रीय और नगरपालिका और प्रांतीय सरकारों के बीच कुशल समन्वय रहा, जिसने बीजिंग और पड़ोसी प्रांतों को प्रदूषण कम करने के उपायों को लागू करने के लिए प्रेरित किया।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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