महिलाओं से भेद: एक ऐसा एसडीएम जो महिलाओं से नहीं मिलता, जानिए कौन है वह आईएएस अधिकारी

वैसे तो फतवे संवैधानिक व्यवस्थाओं में कोई भी स्थान नहीं रखते। परन्तु 21वीं सदी में भारतीय प्रषासनिक सेवा से चयनित हुआ एक उपखण्ड अधिकारी ऐसा भी है, जिसने फतवा जारी कर रखा है कि वह महिलाओं से नहीं मिलता। मामला राजस्थान का है। यहां पर माउंट आबू का एसडीएम अभी भी 18वीं सदी से आगे अपनी सोच को नहीं ले जा पा रहे हैं।

नगरपालिका में अपनी पीड़ा व्यक्त करती एक महिला

सिरोही | वैसे तो फतवे संवैधानिक व्यवस्थाओं में कोई भी स्थान नहीं रखते। परन्तु 21वीं सदी में भारतीय प्रषासनिक सेवा से चयनित हुआ एक उपखण्ड अधिकारी ऐसा भी है, जिसने फतवा जारी कर रखा है कि वह महिलाओं से नहीं मिलता। मामला राजस्थान का है। यहां पर माउंट आबू का एसडीएम अभी भी 18वीं सदी से आगे अपनी सोच को नहीं ले जा पा रहे हैं। ऐसे में महिला वर्ग को खासकर महिला परिवादियों और जनप्रतिनिधियों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। यह मामला नगरपालिका माउंट आबू की बैठक में उठा है तो चर्चा शुरू हुई है कि क्या अधिकारी का यह फतवा किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार्य होना चाहिए।

माउंट आबू की नगरपालिका की बैठक में यह मामला सामने आया है। माउंट आबू नगरपालिका की एक वार्ड पार्षद जिसका नाम विमला आदिवाल है। उन्होंने माउंट आबू नगरपालिका की बोर्ड बैठक में रोते-बिलखते अपनी पीड़ा को जाहिर करते हुए कहा कि माउंट आबू एसडीएम गौरव सैनी को महिला फरियादियों की फरियाद सुनने से परहेज है। उन्होंने यह आरोप किसी अन्य महिला के कहने से नही बल्कि खुद अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वो एक बार किसी जन समस्या को लेकर माउंट आबू एसडीएम से मिलने से एसडीएम कार्यालय गई थी। जहां एसडीएम कार्यालय के बने नियमों के अनुसार उन्होंने अपना नाम की एक पर्ची एसडीएम चैंबर के अंदर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ भिजवाई लेकिन उन्हें दो घण्टे तक कार्यालय के बाहर बैठाकर भी एसडीएम ने उन्हें मिलने का समय नही दिया। इतना ही नही महिला पार्षद ने रोते-बिलखते कहा कि उनके बाद आने वाले पुरुष फरियादियों को एक के बाद एक चैंबर के अंदर बुलाते गए। जब महिला पार्षद को बाहर बैठे हुए दो घण्टे से अधिक समय बीत गया तब महिला पार्षद ने एसडीएम कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को एक बार फिर याद दिलाया कि उनके एसडीएम से मिलने की बारी कब आएगी। तब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने उन्हें बताया कि एसडीएम साहब ने महिलाओं से मिलने का स्पष्ट रूप से मना कर दिया है। तब महिला पार्षद अपनी शिकायत को आंसुओ के साथ बहाते हुए निराश और हताश होकर एसडीएम कार्यालय से वापस अपने घर पहुंची।


सोशल मीडिया पर किरकिरी
माउंट आबू नगरपालिका पार्षद के साथ किये व्यवहार के बाद चर्चाओं में आए एसडीएम की सोशल मीडिया पर जोरदार किरकिरी हो रही है।महिला पार्षद के साथ हुए इस व्यवहार से जहां लोकतंत्र की धज्जियां उड़ी है वहीं एक अधिकारी की महिलाओं के प्रति संकीर्ण मानसिकता की बात कहते हुए चर्चा हो रही है। लोगों का यह भी कहना है कि यह महिला तो एक जनप्रतिनिधि है जिसने अपनी आवाज बुलंद कर दी वरना ना जाने सैंकड़ो महिलाएं जो हर रोज एसडीएम कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर आती होगी और एसडीएम साहब के इसी रवैये के कारण उन्हें बेरंग घर लौटना पड़ता होगी जिसकी ना तो आपको खबर होगी और ना ही हमें। 
सोच पर उठता है बड़ा सवाल
जब एक महिला पार्षद के साथ एसडीएम का यह व्यवहार जाहिर हुआ है तो हम बेशक यह कह सकते है कि आज 21 वीं शताब्दी में भी समाज का नेतृत्व एक पुरुष ही कर रहा है।माउंट आबू एसडीएम की इस मानसिकता को देखकर यह सहज कह सकते है कि समाज में महिला-पुरुष का भेद भले ही किताबों में खत्म हो गया हो लेकिन वास्तविक धरातल पर यह भेद आज भी कायम है। जब जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति की मानसिकता महिलाओं के प्रति नकारात्मक भावों वाली कैसे हो सकती है?


हरियाणा में सबसे ज्यादा लिंग भेद
देश में अगर सबसे ज्यादा लिंग भेद का कोई शिकार है तो वो हरियाणा राज्य है जहां पर आज भी कहा जाता है माही मोहे बिटिया ना कीजो...और उसी हरियाणा राज्य के मूल निवासी है आईएएस डॉ. गौरव सैनी। माउंट आबू एसडीएम कार्यालय में बतौर एसडीएम पद पर कार्यरत डॉ. गौरव सैनी हरियाणा राज्य के हिसार जिले के निवासी है। डॉ. गौरव सैनी 2017 बैच के आईएएस अफसर है उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 87 वीं रैंक हासिल की थी। इतना ही नही डॉ.गौरव सैनी ने एमबीबीएस में गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। डॉ. गौरव सैनी के पिता हिसार में समाज कल्याण अधिकारी है और माता भी बायोलॉजी की लेक्चरार है। डॉ. गौरव सैनी का विवाह लाडवा विधायक पवन सैनी की पुत्री डॉ.आशिमा के साथ हुआ है। अगर उनके राजनीतिक रसूखों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब डॉ.गौरव सैनी का विवाह हुआ उसमे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, मंत्री कंवरपाल गुर्जर, गृह मंत्री अनिल विज समेत दर्जनों मंत्री व दो दर्जन से भी ज्यादा विधायक उनके विवाह समारोह में शरीक हुए।यही कारण है कि राजस्थान का कश्मीर और प्रदेश की सबसे धनी नगरपालिका में एसडीएम पद पर उनकी नियुक्ति की गई।

पहले भी चर्चाओं में आए थे एसडीएम सैनी-


माउंट आबू एसडीएम डॉ. गौरव सैनी पिछले दिनों भी एक सतर्कता कमेटी का गठन कर चर्चाओं में आए थे। दरअसल पिछले दिनों एसडीएम डॉ.गौरव सैनी ने उस सतर्कता कमेटी का गठन खुद कर किया जिसका गठन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।

कमेटी का गठन होते ही कांग्रेसियो समेत वकील मंडल ने उसका विरोध किया और राज्य सरकार तक ज्ञापन भिजवाए गए नतीजतन इस कमेटी को लेलर एसडीएम को बैकफुट पर आना पड़ा और कमेटी को निरस्त किया गया।