सांच-जांच और आंच: पत्रकारों पर झूठे परिवाद की जांच की मांग, ज्ञापन देने वालों के साथ ही धोखा हो गया!
ज्ञापन में किसी अन्य पत्रकार के खिलाफ नामजद शिकायत एवं जांच की लाइन लिखी गई, जो कि हम सभी के साथ विश्वासघात हुआ है.जिसके नाते मैंने उपखण्ड कार्यालय जाकर प्रार्थना पत्र देकर दिए गये उस ज्ञापन ले लिया गया हैं एवं जो पत्रकारों की शिकायत का मामला है, उसको लेकर पुनः ज्ञापन दिया जायेगा।
माउंट आबू | सिरोही और माउंट आबू में कुछ लोगों ने दो पत्रकारों पर लगाए गए झूठे परिवाद की जांच की मांग की है। इस मामले में ज्ञापन देने वालों के साथ ही धोखा हो गया है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष माउंट आबू सुरेश थिंगर जो जार के अध्यक्ष भी हैं उन समेत अन्य लोगों का कहना है कि उन्हें निष्पक्ष जांच की मांग का कहते हुए ज्ञापन देने बुलाया गया था। परन्तु बिना पढ़ाए ज्ञापन सौंप दिया गया, जिसमें कुछ लोगों पर आरोप भी लगाए गए हैं। इस संबंध में उनका कुछ भी लेना देना नहीं है। एक बार फिर से सुरेश थिंगर की ओर से ज्ञापन दिया गया है।
उन्होंने जो भी कहा वह आप इस वीडियो में सुन सकते हैं।
आपको बता दें कि माउंट आबू में ब्लैकमेलिंग के आरोपों वाले एक परिवाद की जांच को लेकर एक समाचार फर्स्ट भारत में प्रकाशित किया गया था।
इसके बाद भास्कर अग्रवाल नामक व्यक्ति ने इसे उनका परिवाद नहीं बताते हुए वापस भी ले लिया था। इसे भी खबर में अपडेट किया गया। पत्रकारों को बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हुए सिरोही और माउंट आबू में कुछ लोग एकत्र हुए तथा ज्ञापन सौंपा। जार के अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है, जिसमें साफ लिखा है -
सभी मीडिया साथ सादर वंदे ! जैसा कि पिछले कुछ दिनों से शहर माउंट आबू में 2 मीडिया साथियो के खिलाफ व्यक्ति द्वारा झूठी शिकायत कर बदनाम किया जा रहा है, जिसको लेकर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) के सिरोही जिलाध्यक्ष होने के नाते मैंने व शहर के मीडिया कर्मी एवं शहर के नागरिकों ने उपखण्ड कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी के मार्फत ज्ञापन देकर उसमे शिकायतकर्ता की जांच किये जाने की मांग हेतु ज्ञापन देने पहुँचे।
वहां पर हमारे किसी मीडिया साथी ने ज्ञापन प्रिंट करवाया जिस पर वहां सभी मीडिया साथियों एवं सभी नागरिकों ने हस्ताक्षर किये। चूंकि काफी तेज बरसात हो रही थी एव समय का अभाव था। जिसके कारण से 3 पेज का मुख्यमंत्री के नाम से लिखा गया ज्ञापन पर सभी ने विश्वास करते हुए अपने हस्ताक्षर किये।
परन्तु बाद में उस ज्ञापन की बारीकी से पढ़ा तो उस ज्ञापन में किसी अन्य पत्रकार के खिलाफ नामजद शिकायत एवं जांच की लाइन लिखी गई, जो कि हम सभी के साथ विश्वासघात हुआ है.जिसके नाते मैंने उपखण्ड कार्यालय जाकर प्रार्थना पत्र देकर दिए गये उस ज्ञापन ले लिया गया हैं एवं जो पत्रकारों की शिकायत का मामला है, उसको लेकर पुनः ज्ञापन दिया जायेगा। आज जो ज्ञापन दिया गया था, उसकी भर्शना करते है।