35 किलोमीटर 1 कांस्टेबल,1 कैदी: सिरोही में कैदी के साथ हथियार बंद जवान तो दूर एक डाक वाले कांस्टेबल को भेजा, गंभीर लापरवाही, जिम्मेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं?
राजस्थान के सिरोही जिले में कोर्ट परिसर से कैदी के भागने के मामले में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। जहां एक ओर पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है, वहीं दूसरी ओर खाकी के आला अधिकारी भी आंख बंद कर आनन—फानन में कांस्टेबल स्तर के जवान को निलंबित के आदेश निकाल देते है।
कोर्ट से कैदी फरार मामला, पुलिस की लापरवाही,
जयपुर।
राजस्थान के सिरोही जिले में कोर्ट परिसर से कैदी के भागने के मामले में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। जहां एक ओर पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है, वहीं दूसरी ओर खाकी के आला अधिकारी भी आंख बंद कर आनन—फानन में कांस्टेबल स्तर के जवान को निलंबित के आदेश निकाल देते है। जबकि कैदी भागने के मामले में लापरवाही बडे स्तर पर हुई, बावजूद इसके सिरोही पुलिस अधीक्षक महोदय ने बिना सोचे समझे कार्रवाई करते हुए डाक बांटने के लिए जिला मुख्यालय पर आने वाले कांस्टेबल को निलंबित कर दिया।
सवाल जो पुलिस की कार्यशैली पर उठा रहे है सवाल
सवाल: 35 किलोमीटर दूर कैदी को जेसी कराने केवल 1 कांस्टेबल ही क्यों लगाया।
पुलिस थाना अनादरा से जिला मुख्यालय करीबन 35 किलोमीटर दूर है। ऐसे में अनादरा पुलिस थाने से कैदी को जिला मुख्यालय लाने के लिए केवल 1 कांस्टेबल को ही क्यों लगाया गया ?
सवाल: जिसे डाक बांटनी थी, उस के साथ कैदी क्यों भेजा ?
सूत्रों के मुताबिक जिस कांस्टेबल को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित किया है उसकी ड्यूटी तो डाक बांटने में थी। कांस्टेबल रमेश कुमार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय की डाक, कोर्ट की डाक बांटनी थी। इसके साथ ही कैदी को जेसी कराने से पूर्व अस्पताल से कोरोना रिपोर्ट लेकर आनी थी।
सवाल: अनादरा थाने से ड्यूटी अधिकारी ने क्यों नहीं भेजे हथियार बंद जवान ?
ऐसे में सवाल खडा होता है कि जब कांस्टेबल रमेश कुमार के पास डाक बांटने का कार्य है तो मुल्जिम पेश करने का कार्य अलग जवानों को क्यों नहीं दिया गया। अगर भेजना भी था तो दो या तीन हथियार बंद जवानों को भी साथ में भेजा जाना चाहिए था।