जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों में रोष: निदेशक के पद पर तत्काल किसी सक्षम अधिकारी को नियोजित करने की मांग

निदेशक के हालिया आदेश, जिसमें अतिरिक्त निदेशकों को दो दिनों के लिए अपने आवंटित वाहनों को अन्य कार्यों में उपयोग करने का निर्देश दिया गया था, की जनसंपर्क और संबद्ध सेवाओं के प्रतिनिधि संगठन प्रसार ने आलोचना की है।

जयपुर | जयपुर राज्य में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक पर जनसंपर्क सेवाओं और कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले प्रतिकूल निर्णय लेने का आरोप लगाया गया है।

निदेशक के हालिया आदेश, जिसमें अतिरिक्त निदेशकों को दो दिनों के लिए अपने आवंटित वाहनों को अन्य कार्यों में उपयोग करने का निर्देश दिया गया था, की जनसंपर्क और संबद्ध सेवाओं के प्रतिनिधि संगठन प्रसार ने आलोचना की है।

निदेशक पर विभाग की बैठकों के दौरान जनसंपर्क अधिकारियों पर अभद्र टिप्पणी करने और अधिकारियों को हतोत्साहित करने का भी आरोप लगाया गया है।

प्रसार का आरोप है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणाओं एवं अन्य अवसरों पर दिये गये निर्देशों के बावजूद जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों को कंप्यूटर, कागज, प्रिंटर आदि सहित कार्य के निष्पादन हेतु आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है.

जनसंपर्क सेवा की प्रतिष्ठा बचाने तथा राज्य सरकार की योजनाओं व गतिविधियों के प्रचार-प्रसार में तेजी लाने के लिए प्रसार ने वर्तमान निदेशक को तत्काल हटाने व सक्षम अधिकारी की नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है.

प्रसार का यह भी दावा है कि राज्य सरकार के विभागों और संस्थानों के विस्तार और समाचार या मीडिया संस्थानों और जनसंपर्क मोड में बदलाव के कारण जनसंपर्क विभाग के कार्यों की प्रकृति का विस्तार हुआ है, लेकिन संवर्ग को मजबूत करके नए पदों का सृजन नहीं किया गया है। 

गौरतलब है कि 2018 में भी इसी तरह के नकारात्मक हालात पैदा होने पर सूचना एवं जनसंपर्क सेवा के अधिकारियों ने कैंडल मार्च में हिस्सा लिया था, जिसके बाद विभाग के निदेशक पद पर आसीन एक आरएएस अधिकारी को बदल दिया गया था. प्रसार ने चेतावनी दी है कि यदि मुख्यमंत्री ने वर्तमान निदेशक को तत्काल हटाने की उनकी मांग नहीं मानी तो सत्याग्रह करेंगे।