Rajasthan CM की महत्वकांक्षी योजना उड़ान: Sanitary Napkins के अभाव में बांझपन तक का सामना कर रही है महिलाएं, सरकार की 'उड़ान योजना' से महिलाओं को मिलेगी सहायता:सीएम

उड़ान योजना को सीएम ने  महिलाओं के लिए कारगर बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस योजना को गांव—गांव, ढाणी—ढाणी तक पहुंचाने की अपील की। सीएम गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि यूं तो मैं फिल्म नहीं देखता, लेकिन करीबन 20 साल बाद फिल्म देखी पेडमैन। इसमें महिलाओं की परेशानी का चित्रण किया गया था। 

जयपुर। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए साल पर ​मीट द प्रेस कार्यक्रम के तहत यूं तो कई विषयों पर चर्चा की, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक महत्वकांक्षी योजना उड़ान पर भी चर्चा की। 
उड़ान योजना को सीएम ने  महिलाओं के लिए कारगर बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस योजना को गांव—गांव, ढाणी—ढाणी तक पहुंचाने की अपील की। 
सीएम गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि यूं तो मैं फिल्म नहीं देखता, लेकिन करीबन 20 साल बाद फिल्म देखी पेडमैन। इसमें महिलाओं की परेशानी का चित्रण किया गया था। 
बांझपन तक का शिकार हो रही है महिलाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरुकता के अभाव में हमारे गांवों में महिलाएं सेनेटरी नैपकिन काम में नहीं लेती, इससे उनमें बांझपन बढ़ रहा है। कई प्रकार की बीमारियों से पीड़ि़त हो रही है। 
ऐसे में महिलाओं की बेहतर सेहत और पर्सनल हाईजीन के लिए उन्हें जागरूक करने के साथ बीमारियों से बचाव के लिए यह स्कीम चलाने का फैसला लिया है।


प्रदेश के 282 ब्लॉक पर नि:शुल्क मिलेंगे नैपकिन
मुख्यमंत्री गहलोत ने जानकारी दी कि आईएम शक्ति उड़ान योजना के प्रथम चरण में प्रदेश की 28 लाख किशोरियां और महिलाएं लाभांवित होंगी। 
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 282 ब्लॉक में प्रत्येक ब्लॉक पर 5 चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 10 से 45 वर्ष तक आयु की प्रत्येक किशोरी और महिला लाभार्थी को प्रतिमाह 12 सेनेटरी नैपकिन का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। उड़ान योजना के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। 
छात्राओं और किशोरियों के साथ ही राज्य की महिलाओं को भी दायरे में लाया गया है। अलग-अलग चरणों में पैड मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप, सामाजिक और सरकारी संस्थाओं के ज़रिए महिला स्वास्थ्य के संबंध में विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। 
देश में 62 फीसदी महिलाएं उपयोग करती है कपड़ा
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग दो करोड़ 30 लाख लड़कियों को माहवारी के कारण स्कूल छोडऩा पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार देश में लगभग 62 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स के समय सेनेटरी नैपकिन की जगह सादा कपड़े का प्रयोग करती हैं। 
इससे पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल की गई अन हाइजेनिक वस्तुओं से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। जानकारी के अभाव में लड़कियों को माहवारी संभालने में मुश्किलें आती है। 
उनके लिए शारीरिक व मानसिक बीमारियां खड़ी होती है। पढ़ाई ठीक से नहीं होती आत्मविश्वास कम होता है और खुद की नजरों में कमतर महसूस करने लगती है।

उड़ान योजना शुरू करने वाले मुख्यमंत्री गहलोत देश के हीरो:ममता भूपेश
महिला एवं बाल विकास तथा बाल अधिकारिता मंत्री ममता भूपेश राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश-प्रदेश के हीरो हैं, जिनके के विज़न अनुसार प्रदेश की किशोरियों और महिलाओं को निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण करने हेतु उड़ान योजना आरम्भ की गई है। 
उन्होंने कहा कि महिलाओं में सबसे ज्यादा बीमारियां माहवारी में स्वच्छता संबंधी होती हैं। इसके आधार पर ही प्रदेश में आई एम शक्ति उड़ान योजना को आरम्भ किया गया है।
उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेश की सरकारों को भी किशोरियों और महिलाओं के हित में इस योजना को अपनाना चाहिए।