क्राइम युवक के साथ दिनदहाड़े वारदात: सिरोही के सरुपगंज कस्बे में युवक को बातों में उलझाकर बदला एटीएम कार्ड, आरोपी को पकड़ा तो छीने जेब में रखे 5 हजार रुपए

सरुपगंज कस्बे के मीनावास स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम में अज्ञात बदमाशों ने एक युवक को बातों में उलझाकर एटीएम बदल लिया। बदमाशों ने युवक की जेब में रखें पांच हजार रुपए छीनकर भी फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जिलेभर में नाकाबंदी करवाई हैं।

गौरव अग्रवाल,
फर्स्ट भारत, पिंडवाड़ा।

सरुपगंज कस्बे के मीनावास स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम में अज्ञात बदमाशों ने एक युवक को बातों में उलझाकर एटीएम बदल लिया। बदमाशों ने युवक की जेब में रखें पांच हजार रुपए छीनकर भी फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जिलेभर में नाकाबंदी करवाई हैं।
जानकारी के अनुसार सरुपगंज निवासी मोहम्मद यूसुफ पुत्र अब्दुल गनी मेमन ने बताया कि वह शुक्रवार दोपहर को नमाज अदा करने के बाद एसबीआई एटीएम में अकॉउंट का बैलेंस चेक करने गया था। 
इस दौरान चार लोग उसके पीछे खड़े थे। उन चार बदमाशों में से दो लोग बाहर चले गए। दो लोगों ने उसे बातों में उलझाकर उसका एटीएम कार्ड बदल दिया और किसी अन्य का एटीएम उसे थमा दिया।

ऐसे में यूसुफ मेमन का जैसे ही शक हुआ तो वह तुरंत बैंक के बाहर खड़ी यूपी पासिंग की कार के पास दौड़कर पहुंचा तथा अंदर बैठे दो व्यक्ति में से एक युवक को पकड़ लिया लेकिन इतना सब होने के बाद भी बदमाशों ने यूसुफ की जेब मे रखे पांच हजार रुपये भी छीन लिए और फरार हो गए।
यूसुफ मेमन ने इसकी सूचना सरुपगंज थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित को दी जिस पर एसएचओ मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ जिलेभर में नाकाबंदी भी करवाई।

एटीएम की सुरक्षा रामभरोसे
सरुपगंज समेत आसपास के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन व एटीएम एजेंसियां पूरी तरह से लापरवाह बनी हुई हैं। बैंक और एटीएम एजेंसियों ने एटीएम मशीन की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड तक कि तैनाती नहीं कर रखी हैं।
बैंक प्रबंधन और एटीएम एजेंसियां अगर गंभीरता दिखाती है तो ऐसी वारदातें टल सकती हैं। सुरक्षा गार्ड नही होने से एटीएम में एक साथ कई लोग घुस जाते हैं। 
यही कारण हैं कि शातिर बदमाश एटीएम पर पैसे निकालने आए लोगों को बातों में उलझाकर उनका एटीएम बदल देते हैं और ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
इसके अलावा सुरक्षा गार्ड की तैनाती से एटीएम की लूट की वारदात को भी बदमाश अंजाम नही दे पाएंगे।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी वारदात
ऐसा नही हैं कि ऐसी घटना पहली बार हुई हैं। इससे पहले भी बैंक व एटीएम में इस प्रकार की कई वारदातें हो चुकी हैं बावजूद इसके बैंक प्रबंधन के कानों में जूं क्यों नही रेंग रही हैं।बैंक प्रबंधन अपने ग्राहकों की सुरक्षा व सहूलियत को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही हैं। क्या बैंक प्रबंधन की अपनी कुछ जिम्मेदारियां नही हैं? घटना के वक़्त यूसुफ मेमन को करीब दस मिनट तक घसीटा गया था।  

महज पुलिस के भरोसे लाखो-करोड़ो की नकदी
सरुपगंज कस्बे के विभिन्न एटीएम सुरक्षा की पड़ताल की गई तो चौकाने वाली स्थिति सामने आई। पड़ताल में देखने को मिला कि एटीएम में रखें लाखों-करोड़ों रुपये की सुरक्षा भी महज पुलिस के जिम्मे हैं।
बैंक संचालक या ठेका फर्म को इससे कोई सरोकार नहीं नजर आ रहा हैं। पैसा बीमित होने के कारण अधिकतर एटीएम पर केवल बैंक का नाम होता हैं। इनका संचालन ठेका फर्म करती है और ठेका फर्म इन पैसों का बीमा भी करवाकर रखती हैं।यही कारण हैं कि ठेका फर्म इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नही हैं।

कागजी साबित हुए पुलिस के सर्वे
प्रदेशभर में बढ़ती एटीएम की चोरी की वारदातों के बाद तत्कालीन एसपी ने सभी एसएचओ को एटीएम की सुरक्षा के लिए निर्देश दिए थे। निर्देशों में कहा गया था कि रात्रि गश्त के दौरान क्षेत्र के प्रत्येक एटीएम की जांच की जाए इसके साथ ही जिलेभर में एटीएम का सर्वे भी करवाया गया था। पुलिस ने बैंक और ठेका फर्म कंपनी को एटीएम  सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड लगाने के निर्देश दिए थे लेकिन यह सर्वे महज कागजी साबित हुआ।

इनका कहना हैं
सभी बैंक प्रबंधन व एटीएम एजेंसियों के साथ बैठक कर उनको गार्ड तैनात करने के निर्देश दिए जाएंगे। बदमाशों की तलाश की जा रही हैं। जल्द इस मामले का खुलासा करेंगे।

जेठूसिंह करनोत,पुलिस उपाधीक्षक,पिंडवाड़ा।