सांसद नीरज डांगी का राज्यसभा में सुझाव: सांसद नीरज डांगी ने खादी और इससे बने परिधानों को जीएसटी मुक्त रखने की उठाई मांग, खादी एवं ग्रामोद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

राजस्थान सरकार द्वारा लगातार की जा रही मांग को दोहराते हुए सदन में रखाग गया। सदन में  खादी एवं इससे बने परिधानों को जीएसटी की जीरो दर सूची में शामिल किए जाने की मांग की, ताकि खादी एवं ग्रामोद्योगों को बढावा मिल सके।

जयपुर।
राज्य सभा सांसद नीरज डाँगी ने सदन में विशेष उल्लेख के माध्यम से देश में सम्पूर्ण खादी और ग्रामोद्योग (केवीआई) क्षेत्र को आजादी के पहले की भांति ही अब भी टैक्स (जीएसटी) से मुक्त रखे जाने की मांग दोहराई। 
सांसद डांगी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा लगातार की जा रही मांग को दोहराते हुए सदन में रखाग गया। सदन में  खादी एवं इससे बने परिधानों को जीएसटी की जीरो दर सूची में शामिल किए जाने की मांग की, ताकि खादी एवं ग्रामोद्योगों को बढावा मिल सके।


सांसद डांगी ने सदन में विशेष उल्लेख पर बोलते हुए कहा कि संपूर्ण खादी और ग्रामोद्योग (केवीआई) क्षेत्र आजादी के पहले के दौर से ही टैक्स छूट का लाभ उठा रहा है। 
जीएसटी नोटिफिकेशन 29-09-2017 के अनुसार खादी क्षेत्र में उत्पादित खादी जीएसटी से मुक्त है, लेकिन खादी से बने वस्त्रों जैसे कि सिले हुए कपड़े, शाल, दरी, फर्श, खादी के कपड़ों पर केन्द्रीय जीएसटी संबंधी विभागों द्वारा (टेक्सटाईल फैबरिक से बने रेडिमेड कपड़ों की तरह) 1000 रुपए के मूल्य तक 5 प्रतिशत एंव इससे ज्यादा मूल्य पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी जमा कराने की मांग की जा रही है।
डांगी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा खादी परिधानों को टेक्सटाईल फैबरिक से बने परिधानों की तरह नहीं आंका जा रहा है। 
इससे खादी संस्थाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगातार वित्त मंत्रालय, भारत सरकार से पत्राचार करते हुए अनुरोध किया जाता रहा है।
भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय ने भी खादी उत्पादों को टेक्स में छूट के लिए विचार करने या खादी संस्थानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है।
उन्होंने भारत सरकार के वित मंत्रालय से खादी व खादी से बने वस्त्रों  को जीएसटी की जीरो दर सूची में शामिल करने का अनुरोध किया।