क्षत्रिय परिचय सम्मेलन: आईसीयू एवं कोरोना वार्ड से बाहर आकर राजपूत डाक्टर्स ने बताई जीवनसाथी के लिए अपनी पसंद
मेडिकल और फार्मेसी से जुड़े देश-दुनिया के लगभग 400 डाक्टर्स और दवा निर्माण तथा विक्रय में शामिल राजपूत समाज के युवक-युवती विदेशों में पले-बढ़े होने के बावजूद भारत में आकर न केवल अपना हाॅस्पिटल खोलना चाहते हैं बल्कि जीवनसाथी के रूप में उनकी पहली पसंद भारतीय प्रत्याशी ही है।
इंदौर | मेडिकल और फार्मेसी से जुड़े देश-दुनिया के लगभग 400 डाक्टर्स और दवा निर्माण तथा विक्रय में शामिल राजपूत समाज के युवक-युवती विदेशों में पले-बढ़े होने के बावजूद भारत में आकर न केवल अपना हाॅस्पिटल खोलना चाहते हैं बल्कि जीवनसाथी के रूप में उनकी पहली पसंद भारतीय प्रत्याशी ही है। बुधवार की शाम को अ.भा. क्षत्रिय महासभा वाकानेर के तत्वावधान में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय राजपूत युवक-युवती वैवाहिक आॅनलाईन परिचय सम्मेलन में आए प्रत्याशियों ने जहां बिना दहेज के विवाह करने का संकल्प भी व्यक्त किया और कोरोना ड्यूटी के दौरान हाॅस्पिटल की आईसीयू एवं कोरोना वार्ड से अपने परिचय दिए। लगभग 8 हजार प्रत्याशी एवं पालकों ने राजपूत समाज की वेबसाईट के माध्यम से एक-दूसरे को अपनी पसंद भेजी है।
राजपूत समाज के गत 14 जनवरी से प्रारंभ हुए इस परिचय सम्मेलन में अब तक इंजीनियर्स, बैंकर्स, सीए, सीएस आदि के परिचय का पहला चरण हो चुका है। कल शाम भारतीय स्टैंडर्ड समय के अनुसार सांय 7 बजे से प्रारंभ हुए चिकित्सकों एवं फार्मेसी व्यवसाय से जुड़े प्रत्याशियों के परिचय की बारी थी। इंडेक्स मेडिकल काॅलेज के चेयरपर्सन सुरेश सिंह भदौरिया, राजपूत क्लब संरक्षक मंडल के अध्यक्ष रामसिंह राणावत एवं देवास के जिला आबकारी अधिकारी नागेंद्रसिंह जादौन के आतिथ्य में परिचय का सिलसिला शुरू हुआ। प्रारंभ में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठा. विजयसिंह परिहार, सम्मेलन संयोजक सतीश सिंह देवड़ा, विजयसिंह सोनगरा ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन सुहानी सिंह सांखला ने किया। तकनीकी सत्र का संचालन आशुतोष दुबे (इंदौर) और अमित कुईया (लंदन) ने किया। सम्मेलन का अगला चरण शनिवार 23 जनवरी को सांय 7 बजे से इंजीनियर्स एवं स्नातकोत्तर उपाधि वाले अन्य संकाय के प्रत्याशियों का परिचय सत्र प्रारंभ होगा। बुधवार 27 जनवरी को पुनर्विवाह, विधवा-विधुर एवं तलाकशुदा विशेष श्रेणी के प्रत्याशियों का परिचय होगा। शुक्रवार 29 जनवरी को अब तक वंचित रह गए प्रत्याशियों तथा रविवार 31 जनवरी को खुला मंच के साथ समापन होगा। सम्मेलन में शामिल होने के लिए राजपूत ब्याह डाॅट काॅम / डिजिटल बुक तथा हेल्पलाईन नंबर 79995-26632 पर संपर्क कर सकते हैं।
मेडिकल एवं फार्मेसी से जुड़े प्रत्याशियों ने आयोजकों को उस वक्त सुखद अनुभूति कराई जब कनाडा, बैल्जियम, यूएसए, आस्ट्रेलिया और लंदन में बसे एनआरआई चिकित्सक प्रत्याशियों ने कहीं आईसीयू के बाहर आकर तो कहीं कोरोना वार्ड से अपने परिचय देकर भावी जीवनसाथी के बारे में अपनी पसंद और प्राथमिकता बताई। अधिकांश प्रत्याशियों ने अपने समकक्ष चिकित्सक को ही जीवनसाथी बनाने, बिना दहेज के विवाह करने, भारत आकर कुछ वर्षों बाद अपना हाॅस्पिटल और नर्सिंगहोम खोलने जैसी प्राथमिकताएं भी बताई। कनाडा में बसे राणा परिवार के प्रत्याशी ने गुजरात एवं उत्तर भारत की जीवनसाथी से ब्याह करने की इच्छा जताई और बताया कि वे इस बात से बहुत खुश हैं कि कनाडा मंे रहने वाले अन्य राजपूत परिवार भी इस सम्मेलन के माध्यम से भारत से जुड़े हैं।