राजस्थान विधानसभा में सीएम सलाहकार: सीएम के सहालकार संयम लोढ़ा ने विधानसभा में स्वयं को तथा कांग्रेस नेताओं को बताया गांधी—नेहरू परिवार का गुलाम
मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार व सिरोही विधायक संयम लोढ़ा इन दिनों लगातार विधानसभा में चर्चा में आ रहे हैं। कभी स्पीकर द्वारा उन्हें बाहर निकालने का मामला हो तो कभी शराब माफियाओं से पुलिस की मिलीभगत पर गृहमंत्री से सवाल करने पर।
जयपुर।
मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार व सिरोही विधायक संयम लोढ़ा इन दिनों लगातार विधानसभा में चर्चा में आ रहे हैं।
कभी स्पीकर द्वारा उन्हें बाहर निकालने का मामला हो तो कभी शराब माफियाओं से पुलिस की मिलीभगत पर गृहमंत्री से सवाल करने पर।
आज मंगलवार को एक बार फिर संयम लोढ़ा चर्चा में आ गए। इस बार उन्होंने विधानसभा में स्वयं के साथ कांग्रेसी नेताओं को गांधी व नेहरु परिवार का गुलाम बताया।
जी हां, सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन राजस्थान विधानसभा में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय और जनसंचार यूनिवर्सिटी संशोधन बिल पर बहस हो रही थी।
इस दौरान बीच में खड़े होकर सीएम सलाहकार लोढ़ा ने कहा कि हां, हम हैं गुलाम। जब तक हमारे शरीर में सांस है,
तब तक हम गांधी—नेहरु परिवार के गुलामी करेंगे। क्योंकि इस देश का निर्माण गांधी—नेहरू परिवार ने किया है।
संयम लोढ़ा के इतना कहते ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हे गुलामों! यह नई संस्कृति आई है आपको बधाई हो।
बधाई हो गुलामी के लिए। ये गुलाम हैं, आप क्या समाज में संदेश देंगे। गुलामी अपनी बात नहीं कह सकता। यह इन्होंने खुद मना है। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ।
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि इतनी गुलामी के करने के बाद भी कांग्रेस ने आपको टिकट तक नहीं दिया।
इस दौरान सभापति जेपी चंदेलिया ने हस्तक्षेप कर माहौल शांत करने की अपील की।
चंदेलिया ने संयम लोढ़ा से टू द पॉइंट बात रखने की बात की। इस पर राठौड़ ने फिर कहा गुलाम अपनी बात नहीं रख सकते, यह इन्होंने खुद माना है।
इससे पहले विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान पत्रकारिता यूनिवर्सिटी संशोधन बिल पर बहस के दौरान सदन में हंगामा हुआ।
बिल पारित होने से पहले बिल का जनमत जानने के लिए भेजने वाले प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भाजपा ने हंगामा किया। भाजपा ने मतविभाजन की मांग की।
सभापति ने ध्वनिमत से ही जनमत जानने पर वोटिंग करवाकर प्रस्ताव खारिज कर दिया।