गुरु पुर्णिमा पर दुष्कर्मी का खेल: गुरु पूर्णिमा पर दुष्कर्मी आशाराम से आशीर्वाद लेने पहुंच गई हजारों महिलाएं, फिर पुलिस ने दिखाए तेवर

गुरु पूर्णिमा पर आशाराम के जेल से बाहर आने की सूचना लीक होना पुलिस के लिए परेशानी बन गई। दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आशाराम को देखने के लिए हजारों की तादाद में महिलाएं और पुरुष एम्स के बाहर पहुंच गए। हालांकि भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया।

जोधपुर। 
गुरु पूर्णिमा(Guru Purnima) पर आशाराम(Asharam) के जेल से बाहर आने की सूचना उसके समर्थकों को होना पुलिस के लिए परेशानी बन गई। दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आशाराम को देखने के लिए हजारों की तादाद में महिलाएं और पुरुष एम्स के बाहर पहुंच गए। हालांकि भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया। अंत पर बेकाबू होती भीड़ को जोधपुर पुलिस ने खदेड़ना शुरू किया।
जानकारी के मुताबिक आशाराम की कुछ जांच होनी थी, इसके लिए पिछले कुछ दिनों से आशाराम को एम्स में दिखाने के लिए कहा गया,लेकिन उसने गुरु पुर्णिमा का दिन देखते हुए शनिवार को जांच कराने के लिए तैयार हो गया। वहीं दूसरी ओर लोगों को आशाराम के एम्स जाने की सूचना मिल गई और देखते ही देखते जेल के साथ एम्स अस्पताल के बाहर हजारों के तादाद में भीड़ एकत्रित हो गई।

पुलिस की गाड़ी में आशाराम, देखने के लिए बेकाबू हुई भीड़
पुलिस का वाहन आसाराम को लेकर जेल से निकला तो समर्थक उसकी एक झलक देखने के लिए बेकाबू हो गए। पुलिस ने डंडे फटकार कर उन्हें वहां से भगा दिया। इस दौरान मची भगदड़ में कई महिलाएं गिर पड़ीं। इनमें से कुछ को चोटें भी आई हैं। आसाराम को जोधपुर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच एम्स (AIIMS) लाया गया। यहां उसकी MRI की गई। इसके अलावा कुछ और जांच होनी हैं। 

2013 से जेल में बंद
अपने गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न (sexual harassment)करने के मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर पुलिस (Jodhpur Police) इंदौर से गिरफ्तार कर लाई थी। तब से वह यहां की जेल में बंद है। 2018 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। आसाराम अब तक 15 बार जमानत हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)तक याचिका दायर कर चुका है, लेकिन किसी कोर्ट से उसे जमानत नहीं मिली।