कब बन्द होगी "लाइन": सिरोही में बदल गए समीकरण तो शराब माफिया ने भी बदल दिया जिला, अब जालोर से चला रहा "लाइन"

जालोर जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र की गुजरात बॉर्डर पर स्थित एक शराब की दुकान में आजकल इन शराब माफियाओं ने पार्टनरशिप कर रखी हैं। इस दुकान से गुजरात राज्य महज 50 कदम की दूरी पर स्थित है। और सबसे बड़ी बात ये हैं कि ये दुकान ऐसी जगह स्थित हैं जहां ना तो राजस्थान पुलिस का सख्त पहरा रहता हैं और ना ही गुजरात पुलिस का पहरा।

  • गणपतसिंह मांडोली

जालोर। पड़ोसी राज्य गुजरात में शराब बंदी के चलते राजस्थान से गुजरात में शराब तस्करी का काला कारोबार खूब फल फूल रहा हैं। गुजरात राज्य की सीमा से लगते राजस्थान के जिलों से ये तस्करी आए दिन होती हैं। पर राजस्थान के दक्षिणी पश्चिमी बॉर्डर पर स्थित जालोर जिले से लगती गुजरात सीमा से आजकल शराब तस्करी की एक लाइन बड़े पैमाने पर चल रही हैं। शराब माफियाओं के यहीं गिरोह पहले सिरोही जिले से गुजरात राज्य में शराब तस्करी की लाइन चलाता था, पर अब सिरोही जिले में वर्तमान एसपी धर्मेंद्रसिंह इन शराब माफियाओं के लिए सिरोही जिले के रास्तो से तस्करी करने में बड़ा रोड़ा बन गए हैं। ऐसे में अभी इन माफियाओं ने जालोर जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र को चिन्हित कर यहां से गुजरात राज्य में शराब तस्करी की लाइन शुरू की हैं।

बॉर्डर पर स्थित शराब दुकान में पार्टनरशिप कर चलाते हैं लाइन

जालोर जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र की गुजरात बॉर्डर पर स्थित एक शराब की दुकान में आजकल इन शराब माफियाओं ने पार्टनरशिप कर रखी हैं। इस दुकान से गुजरात राज्य महज 50 कदम की दूरी पर स्थित है। और सबसे बड़ी बात ये हैं कि ये दुकान ऐसी जगह स्थित हैं जहां ना तो राजस्थान पुलिस का सख्त पहरा रहता हैं और ना ही गुजरात पुलिस का पहरा। ऐसे में यहां से गाड़ियां भरकर महज़ कुछ ही सेकेंड्स में गुजरात राज्य की सीमा में प्रवेश कर लिया जाता हैं। ऐसा नही हैं कि शराब माफिया पुलिस की आंखों में धूल झोंककर इस पूरे काम को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि बाकायदा पुलिस से सांठगांठ करके ही इतने बड़े स्तर पर तस्करी की लाइन चलाई जा सकती हैं, वरना पुलिस की नज़रों से चोरी छुपके एक बोतल की भी तस्करी सम्भव नही हैं। 

बॉर्डर पर स्थित शराब दुकान के पास बनाया बड़ा बाड़ा, टीन के पतरे खड़े करके बनाई दीवार

शराब माफियाओं ने बॉर्डर पर स्थित पार्टनरशिप की शराब दूकान के पास एक बड़ा सा बाड़ा बना रखा हैं। जहाँ पर टीन के पतरे खड़े करके बड़ी बड़ी दीवार बना रखी हैं, ताकि अंदर लोडिंग-अनलोडिंग होती गाड़ियों को बाहर से कोई देख नही पाए। हरियाणा से आने वाले कंटेनर और ट्रकों से यहां शराब की खेंप अनलोडिंग होती हैं, साथ ही छोटी लग्जरी गाड़ियों में लोडिंग कर गुजरात भेजी जाती हैं। यानी इस शराब माफिया ने वो ही ट्रिक यहां भी अपनाई हैं, जो ट्रिक ये पहले सिरोही जिले से अपनाता था। सिरोही जिले में भी इस माफिया ने रोहिड़ा थाना क्षेत्र के भुजेला के पास एक खेत में लोडिंग अनलोडिंग के लिए ठीक ऐसा ही गोदाम बना रखा था। जहां आबकारी विभाग के पांच जिलों की संयुक्त टीम ने कार्रवाई को अंजाम देकर पूरे काले कारोबार का भंडाफोड़ किया था। 

तो क्या अब जालोर जिले की पुलिस भी चली हैं सिरोही के तत्कालीन एसपी की राह पर?

शराब माफिया इतना शातिर हैं कि पैसे के दम पर किसी का भी ईमान खरीदने की कूवत रखता हैं। इसने पहले सिरोही जिले के कई तत्कालीन थानाधिकारियों सहित तत्कालीन एसपी तक को हर महीने मोटा कमीशन देकर अपने काले कारोबार का साम्राज्य सिरोही जिले से संचालित करने हेतु राजी कर दिया था। अब उसी मोटे कमीशन के चलते इस शराब माफिया ने जालोर जिले के रानीवाड़ा थाना क्षेत्र को इस धंधे के लिए अपना सुरक्षित हेडक्वार्टर बना दिया हैं। और ये कार्य करीब एक महीने से लगातार जारी हैं। पर पुलिस अभी तक बेखबर बनी बैठी हैं।