वैक्सीनेशन पर सीएम की समीक्षा बैठक: राजस्थान के वैक्सीनेशन प्रबंधन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा, अब वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाए केन्द्र : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान कोविड वैक्सीनेशन का बेहतरीन प्रबंधन कर रहा है, लेकिन आवश्यकता के अनुरूप वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होने के कारण लोगों को दूसरी डोज लगाने में देरी हो रही है।
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot)ने कहा कि राजस्थान कोविड वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का बेहतरीन प्रबंधन कर रहा है, लेकिन आवश्यकता के अनुरूप वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होने के कारण लोगों को दूसरी डोज लगाने में देरी हो रही है। बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी डोज लगाने का निर्धारित समय हो जाने की स्थिति में उन्होंने केन्द्र सरकार से इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति करने की आवश्यकता जताई। गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ निरन्तर तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में, प्रदेश की अधिकाधिक आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण जरूरी है, क्योंकि दोनों डोज लगने पर ही संक्रमण से पूरी सुरक्षा मिलती है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार के अधिकारी केन्द्र सरकार से समन्वय कर वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने की मांग पुरजोर तरीके से रखें, ताकि लोगों को समय पर वैक्सीन दी जा सके।
राजस्थान का वैक्सीनेशन प्रबंधन की हुई है सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के वैक्सीनेशन प्रबंधन(Vaccination Management of Rajasthan) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सराहा है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान उन अग्रणी प्रदेशों में शाामिल है, जहां वैक्सीन का सबसे कम वेस्टेज हुआ है। प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है। हमारे चिकित्साकर्मियों ने पूरी दक्षता के साथ वैक्सीनेशन किया है। उन्होंने जहां भी संभव हुआ वैक्सीन की एक वायल में से 10 के अतिरिक्त मिलने वाली 11वीं डोज का भी उपयोग किया। जिससे राजस्थान में वैक्सीन की आपूर्ति के अनुपात में 1.8 प्रतिशत अधिक वैक्सीनेशन हो सका है। गहलोत ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। जिस तरह दूसरी लहर अचानक आई और देशभर में हाहाकार मच गया, उसी तरह तीसरी लहर भी कभी भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों में छूट का दायरा बढ़ाया है और हम चाहते हैं कि स्थितियां सामान्य हों, लेकिन लोग कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना नहीं करेंगे, तो संक्रमण फिर से बढ़ सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी महीनों में धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया जाए, ताकि कोविड संक्रमण के प्रसार से बचा जा सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Medical and Health Minister Dr. Raghu Sharma)ने कहा कि विभाग तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित कर रहा है। असंक्रामक रोगों के लिए भी डोर टू डोर सर्वे प्रारंभ किया गया है। इससे मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम तथा कोविड संक्रमण की स्थिति का आकलन संभव हो सकेगा।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा ने बताया कि प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों की ऑडिट करवाई जा रही है। इस कार्य में एनजीओ एवं सिविल सोसायटी को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि कोविड से मौतों के आंकड़ों को लेकर किसी तरह का असमंजस न रहे और परिजनों को खोने वाले सभी पात्र परिवारों को राज्य सरकार के राहत पैकेज का लाभ मिल सके। शासन सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि राजस्थान में कोविड से रिकवरी दर 99 प्रतिशत पर पहुंच गई है और वर्तमान में कुल एक्टिव केस 613 हैं। प्रदेश में अब तक वैक्सीन की 2.67 करोड़ डोज लगाई गई हैं। इनमें से 2.18 करोड़ लोगों को पहली डोज लगी है और 48.87 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में प्रदेश में करीब 64 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, लेकिन जुलाई के पहले पखवाड़े में पहली और दूसरी दोनों डोज के लिए केवल 65 लाख 20 हजार डोज ही आवंटित की गई है। चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. राजाबाबू पंवार, डॉ. वीरेन्द्र सिंह तथा डॉ. अशोक अग्रवाल ने वैक्सीनेशन अभियान मंं दूसरी डोज की संख्या बढ़ाने तथा तीसरी लहर से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा तथा सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक पुरूषोत्तम शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।