Bhinmal नर्मदा नीर आंदोलन: भीनमाल नर्मदा नीर को लेकर आंदोलन में देवासी समाज व हाथ ठेला यूनियन का समर्थन, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

नर्मदा नीर संघर्ष समिति की ओर से नर्मदा के पानी की मांग को लेकर स्थानीय एसडीएम कार्यालय के समक्ष आयोजित धरना, प्रदर्शन और पीएम व सीएम के नाम हस्ताक्षर अभियान के तहत आंदोलन 22वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को भीनमाल हाथ ठेला नाश्ता यूनियन ने दिनभर कारोबार बंद रखकर धरने को समर्थन दिया।

भीनमाल।
नर्मदा नीर संघर्ष समिति की ओर से नर्मदा के पानी की मांग को लेकर स्थानीय एसडीएम कार्यालय के समक्ष आयोजित धरना, प्रदर्शन और पीएम व सीएम के नाम हस्ताक्षर अभियान के तहत आंदोलन 22वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को भीनमाल हाथ ठेला नाश्ता यूनियन ने दिनभर कारोबार बंद रखकर धरने को समर्थन दिया। इस दौरान अध्यक्ष सुरेश कुमार वैष्णव के नेतृत्व में पीएम व सीएम के नाम तहसीलदार रामसिंह राव को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में वर्ष 2013 से लंबित नर्मदा परियोजना ईआर प्रोजेक्ट का कार्य इसी वर्ष पूर्ण करवाकर नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाने की मांग की।इससे पूर्व ढोल नगाड़ों के साथ मांगो के समर्थन में नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे।

यूनियन के सचिव सोहनलाल जाट,कोषाध्यक्ष दिनेशकुमार माली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वरलाल बंजारा, जैसाराम माली,  रघुवीर नागर, रमेश भाटी,नीतिन शर्मा, श्रीनाथ ग्रूप, मनोहर नागर, श्रवण बंजारा, धर्मराज,प्रकाशकुमार, हितेशकुमार, वगताराम ,अशोक,राजेश शर्मा, एमपी ग्रूप, लक्ष्मण, रमेश अन्ना,राजू, सुरेश ,जीवाराम, भरत प्रजापत, मोहन गुजर, दिनेश नागर व नरेश नागर, कैलाश सहित बडी संख्या मे यूनियन सदस्य उपस्थित थे।इसी प्रकार करड़ा मार्ग पर स्थित रेबारियों के वाशिन्दों ने धरने में भाग लेकर पीएम व सीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पूर्व नपा अध्यक्ष साँवलाराम देवासी जोधाराम परमार,वरजांगाराम मोरडाव, करमीराम भाड़का,भोमाराम लोढ़ा, बरजांगाराम पन्ना, मेसाराम,हरसनराम,संदीप देसाई, ऐडवोकेट जोधाराम देवासी,दिनेश कुमार,लीलाराम, अजबाराम,जोगाराम, कृष्ण भोंगरा व  छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक देवासी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

रैली निकाल की नारेबाजी 
इससे पूर्व मोहल्ले से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए धरना स्थल व  एसडीएम कार्यालय पहुंचे।जिनके हाथों में मांगो को लेकर नारो से लिखी तख्तियां थामी हुई थी।ईधर धरना प्रदर्शन के 22 वे दिन सरकार व प्रसाशन की आंखे नही खुलने ओर धरने को हल्के में आंकने से नगर व ग्रामीण क्षेत्र के वाशिन्दों में दिनों दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है।यदि यही स्थिति रही तो आंदोलन बड़ा रूप धारण कर सकता हैं।लगातार 22 वे दिन धरना प्रदर्शन की वजह से सत्ताधारी व विपक्षी दलों के नेताओं की भी नीवे हिलने लगी है।उनको भी 24 घण्टे भय सत्ता रहा है कि कही जनता के आंदोलन व गुस्से का शिकार नही हो जाए।ऐसी स्थिति में ये नेता भी आंदोलन को विफल करने में अप्रत्यक्ष रूप से जुट गए हैं।