मां जेशोरेश्वरी काली मंदिर में पीएम मोदी: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किए काली माता के दर्शन,कम्युनिटी हॉल बनाने का किया ऐलान

शनिवार को ही प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण-पूर्व सतखिरा स्थित जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। इसे 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है।

नई दिल्ली। 
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के बांग्लादेश दौरे पर है। शनिवार को उनके दौरे का दूसरा दिन है। इस बीच मोदी गोपालगंज जिले के तुंगीपारा में राष्ट्रबंधु के पिता की स्मारक पर पहुंचे। यहां उन्होंने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने विजिटर बुक में अपना संदेश भी लिखा और एक पेड़ भी लगाया। इस दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना उनके साथ मौजूद रहीं। यह उनका पैतृक गांव भी है। यह पहली बार है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां पहुंचे हैं। इससे पहले बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने जहां राजनेताओं से मुलाकात की थी। 
जेशोरेश्वरी मंदिर पहुंचे मोदी 
शनिवार को ही प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण-पूर्व सतखिरा स्थित जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। इसे 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा, 'मैंने कामना की कि मां काली दुनिया को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाएं।' मोदी ने काली मां की प्रतिमा को हाथ से बना हुआ मुकुट भी चढ़ाया। मुकुट को चांदी का बना हुआ है, जिस पर सोने की प्लेटिंग की गई है। इसे पारंपरिक कलाकारों ने करीब तीन हफ्ते में तैयार किया है। उन्होंने कहा, 'मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो इन 51 शक्तिपीठों में जाकर माथा टेकूं। मैंने सुना है कि यहां नवरात्रि में जब मां काली का मेला लगता है, तो सीमा के इस पार से भी बड़ी तादाद में भक्त यहां आते हैं। यहां एक कम्युनिटी हॉल की आवश्यकता है। यह भक्तों के लिए और आपदा के समय लोगों के लिए शरणस्थल का काम करे। भारत सरकार यहां कम्युनिटी हॉल बनवाएगी।' यहां से वे ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर भी जाएंगे। ओराकांडी वहीं जगह है, जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। मतुआ समुदाय बंगाल चुनाव के लिहाज से भी काफी मायने रखता है। मोदी के मंदिर जाने की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है।