नुकसान या फायदा: राजस्थान में जालोर सहित 6 शहरों की बिजली अब निजी हाथों में देने की तैयारी, उर्जा मंत्री ने बताया केंद्र का दबाव

बिजली सप्लाई, बिल देने, बिल वसूली, कनेक्शन काटने सहित सभी बिजली उपभोक्ता सेवाएं प्राइवेट कंपनियां संभालेंगी। इसके लिए राज्य के 6 शहर दौसा, करौली, नागौर, झुंझुनू, चुरू व जालोर शामिल है।

जालोर.

राजस्थान के छह शहरों का बिजली सिस्टम अब निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। जयपुर डिस्कॉम के दौसा-करौली, अजमेर डिस्कॉम के नागौर-झुंझुनूं और जोधपुर डिस्कॉम के चूरू-जालोर का बिजली सिस्टम फ्रेंचाइजी पर दिया जाएगा। इनमें बिजली सप्लाई, बिल देने, बिल वसूली, कनेक्शन काटने सहित सभी बिजली उपभोक्ता सेवाएं प्राइवेट कंपनियां संभालेंगी। इसके लिए राज्य के 6 शहर दौसा, करौली, नागौर, झुंझुनू, चुरू व जालोर शामिल है।

हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और ऊर्जा प्रमुख सचिव दिनेश कुमार की तीनों डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों के साथ होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इसके बाद डीपीआर बनेगी और कीमत का आंकलन होगा। पूरा बही खाता देखने के बाद बिजली सिस्टम 25 साल तक प्राइवेट हाथों में देने का टेंडर लाएंगे। बिजली कंपनियों को ज्यादा कीमत देने वाली कंपनी को फ्रेंचाइजी दी जाएगी।

Photo - Energy Minister BD Kalla


उर्जा मंत्री बोले... केंद्र सरकार का दबाव

ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि बिजली सिस्टम निजी कंपनियों को देने के लिए केंद्र का दबाव है। केंद्र सरकार सभी शहरों का बिजली सिस्टम प्राइवेट कंपनियों को देने का दबाव बना रहा है। इस पर 2 दिन पहले मीटिंग होनी थी, पर स्थगित हो गई। अगली मीटिंग में कुछ शहरों को फ्रेंचाइजी पर देने का निर्णय होगा। इसमें उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं दी जाएंगी।

राज्य के 4 शहरों में पहले है फ्रेंचाइजी

कोटा, भरतपुर, अजमेर और बीकानेर पिछली भाजपा सरकार में फ्रेंचाइजी पर दिए गए थे। तब कांग्रेस ने विरोध किया था। लेकिन अब राज्य की कांग्रेस सरकार खुद वही कवायद कर रही है।

हर महीने दिया जाएगा बिल

मुख्यमंत्री ने बीपीएल और छोटे घरेलू (150 यूनिट तक) और कृषि उपभोक्ताओं को दो महीने से बिल देने की घोषणा की थी। पर फ्रेंचाइजी वाले शहरों में हर माह बिल दिए जाएंगे।