Tokyo Paralympics में भारत को पदक: टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स में मरियप्पन थंगावेलू ने जीता सिल्वर और शरद कुमार ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत के खिलाडिय़ों ने एक के बाद एक गोल्ड मेडल की झड़ी लगा दी। टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत ने अब तक 2 गोल्ड सहित कुल 10 मेडल जीत लिए हैं। मेंस हाई जंप की टी42 कैटेगरी में मरियप्पन थंगावेलू ने सिल्वर और शरद कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।

नई दिल्ली, एजेंसी। 
टोक्यो पैरालिंपिक(Tokyo Paralympics) खेलों में भारत के खिलाडिय़ों ने एक के बाद एक गोल्ड मेडल की झड़ी लगा दी। टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत ने अब तक 2 गोल्ड (Gold) सहित कुल 10 मेडल जीत लिए हैं। मेंस हाई जंप(Men's high jump) की टी42 कैटेगरी में मरियप्पन थंगावेलू (Mariyappan Thangavelu) ने सिल्वर और शरद कुमार(Sharad Kumar) ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। इससे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच 1 के फाइनल में 39 वर्षीय सिंहराज अधाना (Sinharaj Adhana)ने भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। मरियप्पन थंगावेलू ने 2016 में रियो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था।


अमेरिका के सैम ग्रेवे ने लगाई गोल्ड पर छलांग 
मरियप्पन ने 1.86 मीटर की अपनी सबसे ऊंची छलांग लगाई। वहीं, शरद कुमार ने 1.83 मीटर की छलांग लगाई। इन दोनों से अधिक अमेरिका के सैम ग्रेवे(Sam Gravey) ने 1.88 मीटर की छलांग लगाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। भारत ने पहली बार किसी पैरालिंपिक या ओलिंपिक में 10 मेडल जीते हैं। 
रुबीना ने किया निराश 
सातवें दिन की शुरुआत में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एचएच1 में रुबीना फ्रांसिस(Rubina Francis) ने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन क्वालिफिकेशन राउंड में रुबीना 560 अंकों के साथ 7वें स्थान पर रही। महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में रुबीना से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन फाइनल में रुबीना ने निराश किया। फाइनल के पहले एलिमिनेशन राउंड में रुबीना 110.5 के स्कोर के साथ छठे स्थान पर रहीं। इसके बाद दूसरे राउंड का स्कोर 128.5 रहा और उनको सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा।
घुटने में चोट के बावजूद जीता मेडल 
भारतीय खिलाड़ी शरद कुमार (Indian player Sharad Kumar) ने मेडल जीतने के बाद बताया कि एक रात पहले ही उनका घुटना डिसलोकेट(knee dislocate) हो गया। मैं ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। परिवार के सदस्यों, साथी एथलीट्स और दोस्तों ने संबल लिया। फिर रात में उन्होंने भगवत गीता(Bhagwat Gita) पढ़ी और इससे प्रभावित होकर इवेंट में हिस्सा लिया। शरद ने बताया कि घुटना चोटिल होने के बाद उन्होंने घर पर फोन किया था। शरद ने अपने परिवार वालों से कहा कि सब खत्म हो गया। लगता है मुझे किसी पाप की सजा मिल रही है। फिर परिवार वालों और साथियों ने शरद का हौसला बढ़ाया और उन्हें इवेंट में पार्टिसिपेट करने की हिम्मत दी।