राज्यसभा सांसद नीरज डांगी की मांगें: सांसद नीरज डांगी ने इंटर स्टेट सोलर एंड विंड पावर प्लांट से 15 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत आवंटन के प्रस्ताव पर विचार करने का किया आग्रह

पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा प्रचुर मात्र में उपलब्ध है एवं सोलर रैडिएशन भी बहुत अधिक है, जिस कारण यहां पर उत्पादित विद्युत की लागत देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है तथा अन्य राज्यों की सौर ऊर्जा की मांग की पूर्ति हेतु यहां इंटर स्टेट सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना के लक्ष्य के तहत 3580 मेगावाट कमीशन्ड हो...

 जयपुर।
सांसद नीरज डाँगी ने संसद सत्र के दौरान बुधवार को राज्यसभा में विशेष उल्लेख के द्वारा केन्द्र सरकार की हाइड्रो पावर पॉलिसी 2008 के तहत पावर प्लान्ट में होने वाले विद्युत उत्पादन का 13 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत आवंटन गृह राज्य को किए जाने का उल्लेख करते हुए पवन एवं सौर ऊर्जा आधारित इंटर स्टेट पावर प्लान्टस् से उत्पादित विद्युत के आवंटन पर भी इस प्रकार की नीति निर्धारित करके गृह राज्यों को 15 प्रतिशत निःशुल्क आवंटन की मांग रखी।  
डांगी ने विशेष उल्लेख में कहा कि पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा प्रचुर मात्र में उपलब्ध है एवं सोलर रैडिएशन भी बहुत अधिक है, जिस कारण यहां पर उत्पादित विद्युत की लागत देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है तथा अन्य राज्यों की सौर ऊर्जा की मांग की पूर्ति हेतु यहां इंटर स्टेट सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना के लक्ष्य के तहत 3580 मेगावाट कमीशन्ड हो चुकी है।
उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि राजस्थान सहित अन्य राज्यों को उनके इंटर स्टेट सोलर एंड विंड पावर प्लांट से 15 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत आवंटन के प्रस्ताव पर विचार किया जावें।
नीरज डाँगी ने सदन में कहा कि केन्द्र सरकार की हाइड्रो पावर पॉलिसी 2008 के तहत विद्युत उत्पादन का 13 प्रतिशत गृह राज्य को निःशुल्क विद्युत आवंटन का प्रावधान है। 
उन्होंने कहा कि अब नीति निर्धारण कर पवन एवं सौर ऊर्जा आधारित इंटर स्टेट पावर प्लांट्स से उत्पादित विद्युत के आवंटन पर भी गृह राज्यों को निःशुल्क विद्युत आवंटन किये जाने की आवश्यकता है। 
क्योंकि गृह राज्य में इस प्रकार के पावर प्लांट्स की स्थापना हेतु अत्यधिक मात्र में भूमि का आवंटन होता है, एवं राज्य के अन्य स्त्रोतों का भी उपयोग इसकी स्थापना में किया जाता है। 
इसलिए केंद्र सरकार को राज्यों के वित्तीय हितों में ध्यान रखते हुए राज्यों को उनके इंटर स्टेट सोलर एंड विंड पावर प्लांट से 15 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत आवंटन के प्रस्ताव पर विचार किया जाना अति आवश्यक है।