सरकार का खुफिया तंत्र फेल: सांसद किरोड़ी लाल मीणा का मुख्यमंत्री निवास के गेट पर अनाथ बच्चों के साथ प्रदर्शन
भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा शनिवार को अचानक 30 से अधिक अनाथ बच्चों के साथ मुख्यमंत्री निवास के गेट तक पहुंच गए।इसके बाद डॉ मीणा बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए। डॉ मीणा ने करीब एक घंटे तक धरने पर बैठे रहे और सरकार की इंटेलिजेंस इस मामले को लेकर पूरी तरह फेल साबित हो गई।
जयपुर।
भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा (MP Kirori Lal Meena) शनिवार को अचानक 30 से अधिक अनाथ बच्चों के साथ मुख्यमंत्री निवास (Chief Minister's residence) के गेट तक पहुंच गए। इसके बाद डॉ मीणा बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए। डॉ मीणा ने करीब एक घंटे तक धरने पर बैठे रहे और सरकार की इंटेलिजेंस इस मामले को लेकर पूरी तरह फेल साबित हो गई। हालांकि सांसद डॉ मीणा परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas
) से वार्ता के बाद धरने से उठ गए। वहीं दूसरी ओर सीएम हाउस के गेट के बाहर इस तरह धरने का यह पहला मामला है। इस घटना ने प्रदेश के इंटेलिजेंस तंत्र की पोल खोल कर रख दी है।
जानकारी के मुताबिक किरोड़ी मीणा दोपहर में गाड़ियों के काफिले के साथ जवाहर सर्किंल के पास सिद्धार्थ नगर में अपने घर से मानसरोवर होते हुए सिविल लाइंस पहुंचे। किरोड़ी का काफिला अचानक सीएम निवास के बाहर आकर रुक गया और गाड़ियों से बड़ी संख्या में बच्चे और उनके रिश्तेदार उतरे। देखते ही देखते किरोड़ी मीणा बच्चें को लेकर सीएम निवास के बाहर धरने पर बैठ गए। यह घटनाक्रम इतना तेजी से हुआ कि सुरक्षाकर्मी भी हक्के-बक्के रह गए। अचानक से बड़ी संख्या में बच्चों को धरने पर बैठे देख सीएम हाउस की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। सोडाला थाने और सीएम सिक्योरिटी में लगे बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मी और पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन किरोड़ी प्रदर्शन करते रहे।
अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता जल्द
सांसद डॉ मीणा के साथ आए बच्चों के हाथों में आर्थिक पैकेज के मांग वाली तख्तियां थीं। किरोड़ी के अचानक धरने पर बैठने की सूचना के बाद पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे, उन्होंने धरने से उठने का आग्रह किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने आकर किरोड़ी से वार्ता की। उनके मांग पत्र में रखी गई मांगों पर सक्षम स्तर से जल्द कार्यवाही का भरोसा दिलाया,इसके बाद किराड़ी लाल मीणा धरने से उठ गए। आप को बता दें कि सीएम हाउस सहित सिविल लाइंस के इलाके में हर वक्त धारा 144 लगी रहती है, इसके बावजूद किरोड़ीलाल मीणा अचानक बच्चों के साथ आकर धरने पर बैठ गए और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
मौजूदा योजना ऊंट के मुंह में जीरा: मीणा
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सरकार हर अनाथ बच्चे को पैकेज दें। अभी जो भी योजनाएं हैं वे ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। किरोड़ीलाल मीणा कहा कि किसी भी कारण से अनाथ हुए प्रदेश के सभी बच्चों को आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं। किरोड़ीलाल मीणा ये भी कहा कि प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही पालनहार योजना (Palanhar Scheme), गोराधाय (Goradhai) और उत्कर्ष स्कीम (Utkarsh Scheme) राहत देने में नाकाफी है। यह उंट के मुंह में जीरे के समान है। बहुत से अनाथ बच्चे अभी भी वंचित हैं। सरकार किसी भी कारण से अनाथ हुए हर बच्चे के लिए कोविड की तर्ज पर ही पैकेज दे। उन्होंने कहा कि हर अनाथ बच्चे काे एक लाख रुपए दिए जांए। हर माह सात हजार रुपए बालिग होने तक और कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा दी जाए। अनाथ बच्चों के राशन और खान पान की व्यवस्था सरकार करें। अनाथ बच्चे निजी स्कूल में पढ़ रहे हों तो उन्हें 25 हजार रुपए सालाना की एकमुश्त सहायता दी जाए।