कोरोना में प्रशासनिक लापरवाही: सिरोही के पिण्डवाड़ा कोविड वार्ड कां विधायक ने किया निरीक्षण, वार्ड में ना तो चिकित्सकों की टीम मिली और ना ही कोरोना मरीज

पिण्डवाडा में कहने को तो प्रशासन की ओर से कोविड वार्ड बना दिया, लेकिन विधायक के दौरे में ना तो कोरोना संक्रमित मरीज मिले और ना ही कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे कर्मचारी। इतना ही नहीं, विधायक के सवाल पर ब्लाॅक अधिकारी जवाब तक नहीं दे पाए।

पिण्डवाड़ा(Sirohi)।
पिण्डवाडा में कहने को तो प्रशासन की ओर से कोविड वार्ड बना दिया, लेकिन विधायक के दौरे में ना तो कोरोना संक्रमित मरीज मिले और ना ही कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे कर्मचारी। इतना ही नहीं, विधायक के सवाल पर ब्लाॅक अधिकारी जवाब तक नहीं दे पाए। जबकि पिण्डवाडा नगर में करीबन 200 तो ग्रामीण इलाके में 400 से अधिक कोरोना पाॅजिटिव मरीज सरकारी रिकाॅर्ड में दर्ज है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर मरीज कहां है। इसका जवाब भी पिण्डवाडा के निवासियों ने विधायक को दिया, जिसमें स्थानीय प्रशासन की सरेराह लापरवाही उजागर हुई। 
जानकारी के मुताबिक विधायक संयम लोढा शनिवार को नागरिकों की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिण्डवाड़ा पहुंचे। यहां  कोविड वार्ड के सभी बेड खाली मिले। ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस. पी. शर्मा से कोविड वार्ड में लगाये डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ की सूची मांगी तो दे नहीं पाए, नाम पूछे तो बता नहीं पाये। ऐसे में मौके पर मौजूद लोगों ने विधायक को बताया कि निजी चिकित्सालयों से सांठगांठ है। अधिकांश कोरोना संक्रमित तो घर पर है या निजी चिकित्सालय में है। कुछ के हालात खराब है तो वे सिरोही या फिर आबूरोड में उपचार ले रहे हैं। 
डोर टू डोर सर्वे केवल खाना पूर्ति


विधायक लोढ़ा ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से घर-घर सर्वे की जानकारी पूछी तो वो भी बता नहीं पाए। इन सब सवालों के जवाब में ब्लॉक सीएमएचओ ने कहा कि छुट्टी पर था। जबकि मौके पर खड़े नागरिकों ने कहा कि सर्वे के लिए कोई घर या कॉलोनी में गया ही नहीं। लोढा ने सीएमएचओ से डोर टू डोर सर्वे की सूची मांगी तो उसमें कोरोना लक्षण वाले कॉलम में बड़ी संख्या में गांवों का विवरण शून्य दर्ज था वहीं अनेकों गांवों में एक या दो संख्या बताई गईं। उन्होंने सर्वे को प्रभावी बनाने को कहा जिससे कि ग्रामीण स्तर पर ही कोरोना की रोकथाम की जा सके।
प्रशासन के सहयोग को तैयार भामाशाह
समाजसेवी महेशदान चरण ने कहा कि सरकारी चिकित्सालय में कोविड मरीजों का उपचार शुरू करें तो अनेक भामाशाह सहयोग करने के लिए तैयार हैं। कम से कम ऑक्सिजन कि कमी वाले मरीजों को तो एक बार सिलेंडर लगाकर उपचार प्रदान करना चाहिए। चार दिन पूर्व एक आदिवासी मरीज की उपचार के लिए शहर से बाहर ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। लोढा ने पिण्डवाड़ा में अग्रवाल धर्मशाला में खोले गए कोविड सेंटर को भी देखा। यह सेंटर शुक्रवार को खोले जाना बताया लेकिन न वहां कोई मेडिकल स्टाफ था, न ही कोई मरीज। लोढा ने अधिकारियों को पाबंद किया कि कोविड मरीजों को उपचार प्रदान करंे। अगले सप्ताह वह फिर दौरा करेंगे। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी हरिसिंह देवल भी उपस्थित थे।