पाली की पंचायती: वसुन्धरा राजे के यहां पहुंचकर कांग्रेस के बागी खुशवीरसिंह ने मारवाड़ की राजनीति को एक बार फिर चौंकाया

अभी चल रहे बजट सत्र में उन्होंने अशोक गहलोत की तारीफ मारवाड़ के महान यौद्धा जैता और कूंपा से भी कर दी थी। ऐसे में खुशवीर सिंह का बीजेपी नेता के जन्मदिन के बहाने राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में जाना मारवाड़ की राजनीति में एक माहौल खड़ा कर रहा है।

जयपुर | 42 विधायकों और 11 सांसदों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के जन्मदिन के अवसर पर बूंदी के केशोरायपाटन पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन में हिस्सा लिया। परन्तु इन सबसे अधिक जिस विधायक की चर्चा आम हुई है, वह कांग्रेस से निष्कासित और निर्दलीय विधायक खुशवीरसिंह हैं।

हालांकि खुशवीर सिंह समेत कुल तीन निर्दलीय यहां पहुंचे, परन्तु मारवाड़ की राजनीति में यह मुद्दा जोरों पर चल पड़ा है। पाली के कांग्रेसजनों में इसकी सर्वाधिक चर्चा है कि कांग्रेस से बगावत के बाद निष्कासन और उसके बाद सरकार गिराने के आरोप और एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास होने का दावा करने वाले यह विधायक वसुन्धरा खेमे में क्या कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पाली की छह विधानसभा सीटों में से एक भी सीट कांग्रेस के पास नहीं है। खुशवीरसिंह ​कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव जीते थे।

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2020 में अशोक गहलोत की सरकार गिराने की साजिश में जिन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुए थे। वे बाद में गहलोत सरकार की तारीफ करते नजर आए थे। खुद खुशवीर सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने में मदद की। हालांकि खुशवीर सिंह ने बाद में इन आरोपों को सिरे से नकारा।

उनकी तब भी वसुन्धरा राजे और गहलोत से मुलाकातों पर कई बार राजनीतिक माहौल बदला था। यही नहीं अभी चल रहे बजट सत्र में उन्होंने अशोक गहलोत की तारीफ मारवाड़ के महान यौद्धा जैता और कूंपा से भी कर दी थी। ऐसे में खुशवीर सिंह का बीजेपी नेता के जन्मदिन के बहाने राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में जाना मारवाड़ की राजनीति में एक माहौल खड़ा कर रहा है।

दो दिन पहले के अपने भाषण में खुशवीरसिंह जोजावर में बजट में पाली जिले को सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक की भूरि—भूरि तारीफ भी की थी। इसी बीच उनका वसुन्धरा राजे के खेमे में हाजिरी दर्ज करवाना एक बड़ा सवाल उठा रहा है।

राजनीतिक समीकरण
नाम नहीं छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक बड़े नेता का कहना है कि खुशवीर सिंह अभी कांग्रेस से निष्कासित हैं और आने वाले चुनावों में वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। ऐसे में 2023 में कांग्रेस से उनके टिकट मिलने की संभावना कम है। कांग्रेस से वहां एक नए चेहरे पर दावं खेल सकती है।