Pindwada मूल के जैन परिवार का त्याग: Sirohi पिंडवाडा मूल के अमेरिका निवासी जैनम जैन ने स्वामीनारायण संस्था में बीएपीएस डिग्री लेकर ग्रहण की दीक्षा

सिरोही पिंडवाडा मूल का जैन परिवार, पिता अमेरिका में कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल के बिजनेसमैन, बहन यूएस आर्मी में कैप्टन और कंस्ट्रेक्शन मैनेजमेंट व आर्किटेक्ट की डिग्री लेने वाले 27 वर्षीय युवक ने ग्रहण कर ली दीक्षा।

प्रीत उपेन्द्र 
सिरोही।
तप, त्याग और तपस्या के लिए पहचाने जाने वाले जैन समाज के युवा वर्ग में दीक्षा को महत्व दिया जा रहा है। समाज में आर्थिक तौर पर सक्षम और शैक्षणिक तौर पर भी उ​च्च शिक्षित परिवार के नौजवान  संयम पथ की ओर अग्रसर हो रहे है।
अब ऐसा ही एक ओर उदाहरण सिरोही के पिंडवाडा मूल के अमेरिका निवासी जैन परिवार का सामने आया है। जहां प्रीतम जैन के एकलौते पुत्र ने जैनम जैन ने सहर्ष संयम पथ को चुनते हुए स्वामीनारायण संस्था से दीक्षा ग्रहण कर ली।


आपको जानकार हैरानी होगी कि सिरोही पिंडवाडा मूल के इस जैन परिवार के मुखिया अमेरिका में कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल के  बिजनेसमैन, एक बेटी जो यूएस आर्मी में कैप्टन के तौर मेडिकल क्षेत्र में चिकित्सक की सेवाएं दे रही है। 
इसी परिवार के कंस्ट्रेक्शन मैनेजमेंट व आर्किटेक्ट की डिग्री लेने वाले 27 वर्षीय युवक ने गुजरात आकर दीक्षा ग्रहण कर ली।
गुजरात के चाणसद गांव में 101 युवाओं ने ली दीक्षा, जैनम भी शामिल
दीक्षा का कार्यक्रम गुजरात के वडोदरा के पास चाणसद गांव में आयोजित हुआ।  यह स्वामी नारायण संंस्था के पांचवें सबसे बडे आध्यात्मिक गुरू प्रमुख स्वामी महाराज का जन्म स्थल है।


यही पर मुलत: पिण्डवाडा निवासी हाल न्यू यॉर्क में रहवासी प्रीतम शाह के इकलौते 27 वर्षीय पुत्र जैनम शाह ने बीएपीएस संस्था के सबसे बड़े संत महंत स्वामी महाराज के हाथों दीक्षा ग्रहण की। इस दौरान देश विदेश के करीब 101  युवाओं ने दीक्षा ग्रहण की।
इन्ही 101 युवाओं में अमेरिका में जन्मे पिण्डवाडा निवासी जैन परिवार के जैनम प्रीतम शाह ने न्युयॉर्क युनिवर्सिटी से कंस्ट्रेक्शन मैनेजमेंट व आर्किटेक्ट की दो डिग्रियां हासिल कर रखी है।

जैनम ने मैनहेटन में एक बड़ी कम्पनी की नौकरी तक छोड़ दी। जैनम तबला वादक भी है और डिजाईनिंग व लेखन के क्षेत्र में इनकी विशेष रूची हैं। 
इन्होंने अपनी शिक्षा न्यूयॉर्क के हैरिक्स हाई स्कुल से की। इसके बाद न्युयॉर्क युनिवर्सिटी में से कंस्ट्रेक्शन मैनेजमेण्ट व आर्किटेक्ट की डिग्री ली।

प्रथम राजस्थानी जिसने ग्रहण दीक्षा
गुजरात के चाणसद गांव में यूं तो 101 युवाओं ने दीक्षा ग्रहण की है, लेकिन इन में से खास है जैनम जैन। 
अमेरिका छोड़ कर जैनम जैन चार साल पहले गुजरात आ गए थे। यहां उन्होंने गुजरात के सालंगपुर में 4 साल तक बीएपीएस स्वामीनारायण गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण की।
फर्स्ट भारत से खास बातचीत
दीक्षा ग्रहण करने से पहले जैनम जैन ने फर्स्ट भारत.इन से खास बातचीत की। इस दौरान जैनम ने बताया कि अब मेरा शेष जीवन  आत्मकल्याण व समाज कल्याण में व्यतीत होगा।


आत्म कल्याण के लिए पुर्ण शिक्षा हमारे गुरू प्रमुख स्वामी महाराज व वर्तमान गुरू महंत स्वामी महाराज के पास से मिली है। 
दीक्षा समारोह के दौरान बीएपीएस के वर्तमान आध्यात्मिक सबसे बडे संत महंत स्वामी महाराज ने बताया कि प्रमुख स्वामी महाराज के जन्म महोत्सव के दिन जो युवा दीक्षा ले रहे है।
स्वयं के साथ साथ दूसरे हजारों लाखों लोगों का कल्याण करेंगे। प्रमुख स्वामी महाराज एक ऐसे संत थे जिनके जीवन से सबको प्रेरणा मिलती है और त्याग के पथ पर आगे बढ़ते है।
जैनम की बहन यूएस आर्मी में कैप्टन डॉ. शेनिका जैन
जैनम जैन का परिवार सक्षम और शिक्षित है। अमेरिका में निवास कर रहे जैनम की बहन डॉ शेनिका प्रीतम जैन अमेरिकन आर्मी में कैप्टन के पद पर नियुक्त हैं। 
शेनिका ने न्युयॉर्क के हैरिक्स हाई स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद न्युयॉर्क युनिर्विर्सटी से एमडी की डिग्री लेकर बाद में अमेरिकन आर्मी में गई।


शेनिका वर्तमान में अमेरिकन आर्मी में केप्टन के पद पर तैनात है तथा अमेरिकन आर्मी के युनिवर्सिटी अस्पताल में कार्यरत है। 
डॉ शेनिका भारतीय मूल की पहली महिला है जो अमेरिकन आर्मी में है और सर्जन के रूप में कार्य कर रही है। 
जैनम ने बताया कि उसके माता—पिता पुर्व में मुम्बई गए। वहां पर व्यापार करने लगे। 
इसके बाद सन 1986 में दोनों न्युयॉर्क चले गए। वहां पर स्वयं का इलेक्ट्रॉनिक्स आईटम का हॉलसेल कार्य शुरू किया। 
जैनम जैन का परिवार हर साल अपने पैत्रक शहर पिण्डवाडा आते है तथा यहां पर धार्मिक आयोजन में भाग लेते है।