Panchayati Raj चुनाव से पहले घर वापसी: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह फिर से भाजपा में, भरतपुर के बदले सियासी समीकरण

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे और पूर्व विधायक जगत सिंह ने पंचायती राज चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ज्वाइंन कर ली।  ढाई साल बाद BJP में वापसी होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जगत प्रदेश BJP मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।

जयपुर। 
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ( Natwar Singh) के बेटे और पूर्व विधायक जगत सिंह(Jagat Singh)ने पंचायती राज चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ज्वाइंन कर ली।  ढाई साल बाद BJP में वापसी होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जगत प्रदेश BJP मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया(Satish Poonia), केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा पार्टी में शामिल हुए। जगत सिंह की पंचायतीराज चुनाव से पहले घर वापसी से राजस्थान के पूर्वी जिले भरतपुर (Bharatpur)के सियासी समीकरण अचानक बदल गए। जगत सिंह जिला परिषद सदस्य के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि अब जगत सिंह भरतपुर से BJP के जिला प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं।

2018 में छोड़ दी थी पार्टी 
जगत सिंह का भरतपुर के कामां से टिकट कट गया था। इससे नाराज होकर जगत सिंह ने BJP पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद जगत सिंह ने अलवर(Alwar) के रामगढ़ सीट(Ramgarh seat) पर बहुजन समाजवादी पार्टी(Bahujan Samajwadi Party) से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। चुनाव हारने के बाद जगत सिंह राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो गए थे। इसके बाद जगत सिंह राजनीतिक हलचलों से दूर थे। 
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का महत्वपूर्ण भूमिका
नटवर सिंह( Natwar Singh) की वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) से अच्छे सियासी और पारिवारिक रिश्ते थे। ऐसे में यह माना जा रहा था कि जगत सिंह राजे खेमे में थे लेकिन इस बार जगत सिंह को BJP ज्वाइंन कराने में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। भरतपुर क्षेत्र में भाजपा के लिए कमजोर माना जाता है, इसलिए जिला प्रमुख चुनावों में जगत सिंह की वापसी कराकर BJP ने स्थानीय समीकरण जरूर बदल दिए हैं। इससे भरतपुर भाजपा की स्थानीय राजनीति (Politics)भी गरमा गई है। BJP का एक खेमा नहीं चाहता कि जगत सिंह की वापसी हो, लेकिन उनकी नहीं चली। अब BJP में स्थानीय स्तर पर खेमेबंदी के बीच जिला प्रमुख चुनावों में कांग्रेस के सामने भी कड़ा मुकाबला होगा।