शराब दुकान को बार बनाया पुलिस ने : सिरोही पुलिस की जिला विशेष शाखा के प्रभारी दिन दहाडे शराब दुकान में बैठ छलका रहे है जाम

शराब दुकान में बैठकर शराब पीना और शराब पीने के बाद गाडी चलाना दोनों गैरकानूनी, लेकिन सिरोही जिला विशेष शाखा के प्रभारी कानून को ताक में रख शौक पूरा करने में मस्त। ऐसे में जिला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाज़मी.....

सिरोही।
किसी पुलिस थाने में एक डाक बांटने वाले कांस्टेबल के सहारे कोर्ट में अपराधियों की पेशी करवाई जाती है, तो कहीं थाने पर परिवादी को ही शांतिभंग में गिरफ्तार कर बैठा लिया जाता है। इतना ही नहीं साहब, कानून व्यवस्था बनाने वाले ही यहां कानून को ताक में रख दिन में ही जाम से जाम छलकाते नजर आ रहे है। जी हां, हम बात कर रहे है राजस्थान के सिरोही जिला पुलिस की। जहां, आमजन में डर तो अपराधियों में विश्वास बढता जा रहा है।
आज हम बात कर रहे है सिरोही जिला पुलिस में जिला विशेष शाखा के प्रभारी सीताराम डांगी की। प्रभारी डांगी साहब का शौक तो देखो कि दिन दहाडे चल दिए शराब सेवन के लिए। अब शराब सेवन की जगह नहीं मिली तो शराब दुकान को ही बार बना लिया और महखाने से जाम छलका दिए।  डीएसबी प्रभारी सीताराम डांगी की  इन तस्वीरों को आप गौर से देखिए।

सिरोही शहर के गोइली चौराहे के पास मौजूद महेंद्र मेवाड़ा की मालिकाना हक की दुकान में बैठकर शराब का सेवन शुरू कर दिया। इनके कंधों पर सिरोही पुलिस की जिला विशेष शाखा का भार हैं। जिले भर में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखने की जिम्मेदारी इन महाशय के कंधों पर हैं। पर जनाब हैं कि अपने शराब के शौक से ऊपर ही नहीं उठ रहे, और दिन दहाड़े ये जनाब शहर के बीचों बीच स्थित इस शराब की दुकान पर अपने साथियों के साथ बैठकर खुलेआम शराब की पार्टी कर रहे हैं। अब जब डीएसबी टीम का मुखिया ही इस तरह से शराब की दुकान पर बैठकर शराब पीना शुरू कर देंगे तो जिले में शराब की दुकानों को बार बनने से कौन रोक सकता हैं? पुलिस के जिन अधिकारियों के कंधे पर इन शराब की दुकानों पर हो रही अवैध गतिविधियो को रोकने की जिम्मेदारी हैं, अगर वो जिम्मेदार अवैध गतिविधि में लिप्त हो जाए तो फिर जिलेवासियों का भगवान ही मालिक हो सकता हैं।

आमजन के जीवन को भी डाल रहे मुसीबत में


डीएसबी इंचार्ज सीताराम डांगी इस शराब की दुकान पर धुत होकर अपनी कार से घर रवाना हुए। नशे में वाहन चलाना वैसे तो कानूनन जुर्म हैं। पर जब जुर्म करने वाला व्यक्ति ही अगर कानून का रखवाला हो तो उन पर कार्रवाई कौन करेगा? इतना ही नहीं, ये महाशय अपनी खुद की जान के साथ साथ दुसरों की जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं। शराब की दुकान के सामने खड़ी ये कार डीएसबी इंचार्ज सीताराम डांगी की हैं। इसके पीछे बाकायदा लाल रंग के बड़े—बड़े अक्षरों में "डांगी" लिखा हुआ हैं। इसी कार ये जनाब शराब पीने के बाद अपने घर पहुंचें। अब आप अंदाजा लगाइये कि जिलेवासियों की सुरक्षा को लेकर जिले की पुलिस कितनी गंभीर हैं?

डीएसबी शाखा में लगने वाले इंचार्ज से लेकर सिपाही तक, एसपी की पहली पसंद
आपको बता दें कि जिले की विशेष शाखा में सेवाएं देने वाले सिपाही से लेकर इंचार्ज तक सब जवान जिले के पुलिस कप्तान की पहली पसंद होते है। जिले का कप्तान बदलने के साथ ही जिले में तबादलों का दौर शुरू हो जाता है। अब आप अंदाजा लगाइये एक शराबी प्रवृति वाले व्यक्ति को इस शाखा की कमान सौपीं गई हैं तो जिले के पुलिस कप्तान हिम्मत अभिलाष टांक की पसंद कैसी होगी?
 क्या सिरोही जिले के पुलिस बेड़े में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसका शराब से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं हो। फिर एसपी हिम्मत अभिलाष टांक ने एक शराबी व्यक्ति को डीएसबी की कमान क्यों सौंपी? ये समझ से परे हैं।

सेल्समैन बोले मन्नू भाई की हैं दुकान

हमारे संवाददाता ने जब दुकान के सेल्समैन से पूछा कि दुकान में बिठाकर ग्राहकों को शराब कैसे पिलाई जा रही हैं तो दुकान पर शराब बेच रहे एक सेल्समैन ने बताया कि ये दुकान मन्नु भाई (महेंद्र मेवाड़ा को मन्नू भाई के नाम से जाना जाता हैं) की हैं। और यहां हमेशा इसी तरह ग्राहकों को बिठाकर शराब पिलाई जाती हैं।