अवैध शराब बिक्री पर खामोशी क्यों?: उपखण्ड मुख्यालय पर खुलेआम चल रही अवैध शराब की दुकानें, तो गांव ढाणी में क्या होंगे हालात?
रानीवाड़ा उपखण्ड मुख्यालय स्थित पुलिस थाना से सटकर अवैध शराब की दुकान से हर-रोज बिकती हैं लाखों रुपये की शराब, तो भीनमाल मार्ग पर स्थित शराब के गोदाम को ही बना दिया दुकान, पुलिस खामोश बनकर कर रही शराब माफियाओं के हौसला अफजाई।
जालोर। राज्य सरकार और आबकारी विभाग अवैध शराब बिक्री के विरुद्ध कितने ही कानून बना ले, पर जब तक धरातल पर स्थानीय जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को लेकर कर्तव्य नही निभाएंगे तब तक अवैध शराब की बिक्री रुकने की बजाए बढ़ती ही जाएगी। जालोर जिले के रानीवाड़ा उपखण्ड मुख्यालय की अगर बात करें तो यहां अवैध शराब का काला कारोबार चोरी छुपके नही बल्कि खुलेआम चलता हैं। और ये पूरा खेल रानीवाड़ा पुलिस की मिलीभगत के बिना चलना नामुमकिन हैं। रानीवाड़ा कस्बे में शराब की दो दुकानें ऐसी हैं जो पूरी तरह अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। इसके बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नही करना कई सवाल खड़े करता हैं।
◆ पुलिस थाना से सटकर चल रही अवैध की दुकान, जिसे बना दिया हैं बियर बार, जहां ग्राहकों को खुलेआम बिठाकर परोसी जाती हैं शराब
रानीवाड़ा कस्बे में आबकारी विभाग से लाइसेंस प्राप्त दो दुकानें संचालित हैं। जिसमें से एक दुकान जाखड़ी रोड़ पर, तो दूसरी दुकान सांचोर रोड़ पर स्वीकृत हैं। लेकिन इसके अलावा दो दुकानें ऐसी हैं जो बिना लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। इसमें से एक दुकान तो रानीवाड़ा पुलिस थाना की दीवार से सटकर संचालित की जा रही हैं। इतना ही नही इस अवैध शराब विक्रेता का हौसला देखिए, पुलिस कार्रवाई का लेशमात्र भी खोंफ नही हैं, और यहां आने वाले ग्राहकों को बकायदा बैठ कर शराब पिलाने का कार्य किया जा रहा हैं। इस जगह को एक तरह से अवैध बीयर बार बना दिया हैं, जहां हर-रोज सैकड़ों शराबी खुलेआम बेख़ौफ होकर शराब का सेवन करते हैं। पर रानीवाड़ा पुलिस को यह अवैध गतिविधि नज़र ही नही आ रही। वहीं रानीवाड़ा कस्बे के ही भीनमाल सड़क मार्ग पर भी एक शराब की अवैध दुकान संचालित की जा रही हैं। जिसे आबकारी विभाग ने गोदाम के नाम शराब का भंडारण करने के लिए परमिशन दे रखी हैं। पर ठेकेदार ने इसे गोदाम की जगह दुकान बना दी हैं। इतना ही नहीं, ठेकेदार ने इस अवैध दुकान के दोनों शटर्स पर बड़े बड़े अक्षरों में "देशी व अंग्रेजी शराब की दुकान" अंकित करवा रखा हैं। इसके अलावा सड़क के दोनो किनारे भी शराब की दुकान के बोर्ड लगा रखे हैं। पर रानीवाड़ा पुलिस और आबकारी विभाग के जिम्मेदार मूकदर्शक बने बैठे हैं। इसे मिलीभगत नहीं तो क्या समझा जाए?