भारत—मलेशिया के बीच वार्ता: भारत सरकार की पाम ऑयल क्षेत्र में मलेशिया के साथ साझेदारी, कृषि मंत्री तोमर ने मलेशिया के मंत्री से की वार्ता
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मलेशिया की बागान, उद्योग और वस्तु मंत्री जुरैदा कमरुद्दीन के बीच आज कृषि भवन, नई दिल्ली में बैठक हुई। इस दौरान कृषि मंत्री तोमर ने मलेशिया से पाम ऑयल प्लांटेशन में सहयोग प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की।
नई दिल्ली, एजेंसी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मलेशिया की बागान, उद्योग और वस्तु मंत्री जुरैदा कमरुद्दीन के बीच आज कृषि भवन, नई दिल्ली में बैठक हुई।
इस दौरान कृषि मंत्री तोमर ने मलेशिया से पाम ऑयल प्लांटेशन में सहयोग प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की।
पाम ऑयल की खेती के लिए मलेशिया के साथ साझेदारी से, पाम ऑयल मूल्य श्रृंखला के विकास में नवीनतम जानकारी प्राप्त होने से भारत में पाम ऑयल उत्पादकों को काफी मदद मिलेगी।
बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने मंत्री कमरुद्दीन व उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि भारत व मलेशिया पाम ऑयल व्यापार में महत्वपूर्ण भागीदार हैं।
भारत पाम ऑयल क्षेत्र में मलेशिया के साथ सहयोग को और मजबूत करना चाहता है। इसमें भारत पाम ऑयल की खेती में मलेशिया के विशाल अनुभव से लाभ प्राप्त कर सकता है।
तोमर ने तिलहन पर भारत के राष्ट्रीय मिशन-पाम ऑयल (NMOP-OP) का विवरण साझा करते हुए कहा कि भारत ने 2025-26 तक पाम ऑयल की खेती के तहत 6,50,000 हेक्टेयर क्षेत्र लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसके लिए लगभग 100 मिलियन बीज स्प्राउट्स की आवश्यकता होगी। मलेशियाई मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय और मलेशियाई सरकार को भारत के साथ पाम ऑयल क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को साझा करने में बहुत खुशी होगी।
मलेशियाई मंत्री ने विशेष रूप से विश्व प्रसिद्ध सफेद मिर्च (व्हाइट पेपर) की खेती में भारत की मदद करने की पेशकश भी की।
कृषि मंत्री तोमर ने मलेशियाई मंत्री के प्रस्तावों की सराहना की और दोनों देश पाम ऑयल क्षेत्र पर काम करने के लिए सहमत हुए।
तोमर ने कहा कि हम मलेशिया को गेहूं, चावल व शक्कर का निर्यात कर सकते हैं, जो कि भारत के पास पर्याप्त मात्रा में है। इस पर मलेशियाई मंत्री ने प्रसन्नता जताई।
तोमर ने सहयोग के लिए मलेशियाई मंत्री को धन्यवाद दिया। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी तथा इस मंत्रालय व विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।