नए संसदीय चुनाव कराने के लिए: बगदाद में इराकी मौलवी के समर्थकों ने प्रदर्शन खत्म किया
अल-सदर के सहयोगी मोहम्मद सालिह अल-इराकी के एक बयान में कहा गया है कि मंगलवार को किए गए धरने-प्रदर्शन का मकसद एसजेसी को भ्रष्ट लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन लोगों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए हमने समर्थकों से प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए कहा।
बगदाद | इराकी शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के समर्थकों ने संसद को भंग करने की मांग को लेकर बगदाद में सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) के परिसर के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल-सदर के सहयोगी मोहम्मद सालिह अल-इराकी के एक बयान में कहा गया है कि मंगलवार को किए गए धरने-प्रदर्शन का मकसद एसजेसी को भ्रष्ट लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन लोगों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए हमने समर्थकों से प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए कहा।
जैसे ही प्रदर्शनकारी अपने धरना स्थल से हटे, एसजेसी ने एक बयान में कहा कि वह बुधवार सुबह अपने काम को फिर से शुरू करेगा।
इससे पहले मंगलवार को सैकड़ों अल-सदर समर्थकों ने Agency परिसर के सामने धरना शुरू करने के लिए दर्जनों तंबू लगाए। नए संसदीय चुनाव कराने के लिए और संसद को भंग करने के लिए संघीय अदालत पर दबाव बनाने के प्रयास में परिषद को धमकी भरे मैसज भेजे।
एसजेसी के निलंबन के चलते प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी शिखर सम्मेलन के लिए मिस्र की अपनी यात्रा को छोड़ वापस आ गए।
उनके मीडिया कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अल-कदीमी, इराकी बलों के कमांडर-इन-चीफ, न्यायिक संस्थानों की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों की सीधे निगरानी के लिए बगदाद लौट आए।
उन्होंने कहा, न्यायिक संस्थान के काम को बाधित करने से देश के जोखिम गतिविधियां बढ़ती है। इसलिए इस संकट को कम करने के लिए राजनीतिक नेताओं की तत्काल बैठक की जाए।
राष्ट्रपति बरहम सालिह ने कहा कि देश के विकास के लिए सभी को शांत रहने और संवाद को प्राथमिकता देने की जरूरत है, ताकि देश खतरनाक चक्रव्यूह से बच सके।
उन्होंने कहा कि न्यायिक संस्थान के काम में बाधा डालना, एक गंभीर मामला है जो देश के लिए खतरा है।