अच्छा बदलाव: अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना हाेगा आसान, कार कंपनियां, ऑटोमोबाइल एसो., एनजीओ खाेल सकेंगे ट्रेनिंग सेंटर
ड्राइविंग सेंटर्स में ट्रेनिंग पास कर चुके लोगों को जारी हाेंगे लाइसेंस
सिरोही. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आमजन काे ज्यादा परेशान नहीं हाेना पड़ेगा। अब तक आरटीओ व डीटीओ जहां लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस जारी कर रहे थे। वहीं माेटर ड्राइविंग स्कूल काे लर्निंग लाइसेंस जारी करने का अधिकार था, जबकि परमानेंट के लिए आवेदक काे संबंधित कार्यालय ही आना पड़ता था।
अब केंद्र सरकार ने कार कंपनियों, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन और एनजीओ को भी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की इजाजत दे दी है। ये संस्थान अपने सेंटर्स में ट्रेनिंग पास कर चुके लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी भी कर सकेंगे। हालांकि, वाहनों के पंजीयन के लिए अभी आरटीओ ही जाना पड़ेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में नोटिस जारी कर दिया है।
हालांकि, रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस पहले की तरह ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते रहेंगे। हाल के दिनों में यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और झारखंड जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लर्निंग लाइसेंस और गाड़ियों के पंजीयन के लिए नए नियमों को लागू किया है।
अभी ऑनलाइन बुक हाेते हैं डीएल के लिए स्लाॅट
नई व्यवस्था के तहत स्लॉट बुक होते ही लर्निंग लाइसेंस के लिए फीस जमा करनी पड़ती है। फीस जमा करते ही जांच परीक्षा के लिए तारीख भी सुविधा के मुताबिक मिल जाती है। अगर किसी काे लाइसेंस रिन्यू करवाना है ताे वह लाइसेंस संबंधित सेवाओं के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ड्राइविंग लाइसेंस सेवाओं पर क्लिक करें। फॉर्म भरते समय डीएल नंबर के साथ और भी पर्सनल जानकारियां दें। ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित और भी जरूरी कागजात को वेबसाइट पर अपलोड करें। फिर आरटीओ ऑफिस में बायोमेट्रिक डिटेल्स की जांच के बाद सभी कागजात सत्यापित हाेंगे। फिर जाकर लाइसेंस का नवीनीकरण हाेगा।
कम हाेगा काम का बाेझ, पब्लिक काे मिलेगी सुविधा
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रवीणा चारण कहती है कि वर्तमान में डीएल जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज काे बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्राेसेस में बदलाव किया है। पहले सिर्फ ऑफिस पर ही लाइसेंस बनाने का जिम्मा था। फिर माेटर ड्राइविंग स्कूल काे इस प्रक्रिया में जाेड़ा गया। हालांकि परमानेंट लाइसेंस जारी करने का अधिकार अभी डिपार्टमेंट के ही पास है। अब कार कंपनियों, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन और एनजीओ को भी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की स्वीकृति देने से विभाग पर काम का दबाव कम हाेगा। लाेगाें काे लाइसेंस बनवाने के और विकल्प मिलेंगे। उन्हें जल्दी लाइसेंस मिल पाएगा।