फर्स्ट भारत का खुलासा: जालोर के रानीवाड़ा में उपखंड मुख्यालय पर मृत चिकित्सक कर रहा है लोगों का इलाज, चिकित्सा महकमा अनजान या जिम्मेदारों ने बंद कर रखी है आंखें
पूजा अस्पताल जहां मृत चिकित्सक डॉ संजय आर कापडीया लोगों का इलाज कर रहे है। जी हां, है ना चौंकाने वाली खबर। एक मृत चिकित्सक कैसे किसी रोगी का इलाज कर सकता है। लेकिन रानीवाडा में यह संभव है। क्योंकि यहां के जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारियों या यूं कहा जाए कि पूरे प्रशासन ने आंखें जो बंद कर रखी है।
जालोर।
जालोर जिले का स्वास्थ्य महकमा आमजन के स्वास्थ्य को लेकर कितना गम्भीर हैं, इसका जीता जागता उदाहरण है रानीवाड़ा के सांचोर रोड रेलवे फाटक के बाहर स्थित पूजा अस्पताल। पूजा अस्पताल जहां मृत चिकित्सक डॉ संजय आर कापडीया लोगों का इलाज कर रहे है।
जी हां, है ना चौंकाने वाली खबर। एक मृत चिकित्सक कैसे किसी रोगी का इलाज कर सकता है। लेकिन रानीवाडा में यह संभव है। क्योंकि यहां के जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारियों या यूं कहा जाए कि पूरे प्रशासन ने आंखें जो बंद कर रखी है। चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही का ही परिणाम है कि पूजा अस्पताल के चिकित्सक डॉ संजय आर कापडीया का स्वर्ग वास होने के बाद भी मरीजों को डॉ कापडीया के लेटर पेड पर दवा लिखी जा रही है। दवा लिखने वाला अपने आप को चिकित्सक बता रहा है और स्वयं के मेडिकल स्टोर से ही दवा उपलब्ध करवा रहा है। इन सब के बावजूद उपखंड के चिकित्सा अधिकारी इस पूरे मामले में अनभिनता जाहिर कर रहे है।
यह है मामला
रानीवाड़ा कस्बे के सांचोर सड़क मार्ग पर रेलवे फाटक के पार स्थित हैं पूजा अस्पताल। इस अस्पताल में एक झोलाछाप यहां आने वाले मरीजों का इलाज कर रहा है।
इस तस्वीर में डॉक्टर की वेशभूषा में बैठे, मरीजों का इलाज करते इस व्यक्ति का नाम हैं बीआर देवासी। इस व्यक्ति के पास इलाज़ करने की कोई वैध डिग्री नही हैं। बावजूद इसके ये व्यक्ति लोगों का इलाज कर रहा हैं। ये व्यक्ति जिस पर्ची पर मरीज को दवाइयां लिखकर देता हैं, उस पर्ची पर लिखा डॉक्टर का नाम डॉ संजय आर कपाड़िया हैं। यहां आपको ये जानकर हैरानी होगी कि डॉ संजय आर कपाडीया का स्वर्गवास हो गया। लेकिन ये झोलाछाप उनके नाम से आज भी इलाज़ कर रहा हैं।
लैटर पेड पर एडिटिंग कर छपवाए स्वयं के नंबर
डॉ संजय आर कापडीया की पर्ची को लेकर जब हमने छानबीन की तो एक और चौकान्ने वाला खुलासा हुआ। इस पर्ची पर डॉ संजय आर कापडीया के नाम के नीचे जो मोबाइल नम्बर अंकित हैं, वो मोबाइल नम्बर डॉ संजय आर कपाडिया के नहीं बल्कि इलाज़ कर रहे इस झोलाछाप व्यक्ति के हैं। ताकि कभी भी कोई भी मरीज या उसके रिश्तेदार अगर सम्पर्क करना चाहे तो इस झोलाछाप से सम्पर्क हो सके।
नाम के आगे एमबीबीएस की जगह लिखा एमडीपीएच
झोलाछाप डॉक्टर ने पूजा अस्पताल के आगे बड़े—बड़े अक्षरों में साइन बोर्ड लगा रखा है। इस पर बी आर देवासी ने अपने नाम के साथ एमडीपीएच लिख रखा है। अमूमन चिकित्सक एमबीबीएस लिखते है, लेकिन देवासी ने एमडीपीएच लिखा है। रानीवाड़ा के इस पूजा हॉस्पिटल की बात करें तो मैनेजिंग डायरेक्टर बीआर देवासी ने अपने नाम के आगे डिग्रीनुमा अंदाज में MDPH लिख रखा हैं। इस MDPH शब्द की व्याख्या की जाए तो इसका मतलब हैं "मैनेजिंग डायरेक्टर ऑफ पूजा हॉस्पिटल"। ये नीम हकीम MDPH शब्द की आड़ में लोगों को कन्फ्यूज कर रहा हैं। इसे भी चिकित्सा विभाग के जिम्मेदारों ने नजर अंदाज कर रखा है।
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी की सजगता का उदाहरण
रानीवाड़ा कहने को तो उपखण्ड मुख्यालय हैं। जहाँ पर उपखंड स्तर के सभी अधिकारी बैठते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का भी यहां उपखण्ड स्तरीय कार्यालय हैं, जहां ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के साथ साथ कई मातहत यहां आमलोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सम्भाले कार्यरत हैं। पर ये जिम्मेदार अपनी जिम्मेदार का निर्वहन किस प्रकार करते हैं, उसकी एक बानगी पूजा अस्पताल है।
पूजा अस्पताल के पूजा मेडिकल से ही खरीदे दवा
डॉ संजय आर कापडीया के नाम पर छपी पर्जी पर झोलाछाप व्यक्ति जो दवा लिख रहा है वे दवा रानीवाडा के किसी भी मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेगी। ऐसे में मजबूरन रोगियों को पूजा अस्पताल के पूजा मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदनी पड़ेगी। दवा पर्ची पर लिखी लिखावट सिर्फ पूजा मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले लोग ही समझ पाते हैं।
पूजा अस्पताल में इलाज कई बीमारियों का
रानीवाड़ा कस्बे में संचालित इस झोलाछाप अस्पताल में बड़ी और गम्भीर बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता हैं। इस अस्पताल के विजिटिंग कार्ड को अगर गौर से देखे तो यहाँ टाइफाइड, मलेरिया, कमलो-कमली, ब्लड प्रेशर, टीबी, डाइबिटीज, दमा, वात, शिशु रोग, कमर दर्द, जोड़ो का दर्द, रीढ़ की हड्डी, जहरीले जानवरों के काटने सहित कई गंभीर बीमारियों के इलाज़ का यहां दावा किया जाता हैं।
आखिर जिम्मेदार क्यों नही करते कार्रवाई
रानीवाड़ा जैसे उपखण्ड मुख्यालय पर ही एक झोलाछाप इस प्रकार से खुलेआम एक अस्पताल संचालित करता हैं और जिम्मेदार बस अनजान बनकर बैठे है या फिर जान बूझ कर अनजान बनने का प्रयास कर रहे है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह तो तय है कि उपखंड मुख्यालय का ही यह हाल है तो दूर दराज गांवों में हालात किस कदर होंगे इसका अंदाजा मुश्किल है।
जिम्मेदारों को गैर जिम्मेदाराना जवाब
पूजा अस्पताल रानीवाडा में है, मुझे जानकारी नहीं है। ना ही किसी डॉ संजय कापडीया के बारे में और ना देवासी के बारे में मैं जानता हूं।
डॉ बाबू लाल पुरोहित, बीसीएमओ, रानीवाडा
मैंने भी जीएनएम का किया है कोर्स
मामले में जब बी आर देवासी से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि मैंने भी जीएनएम का कोर्स किया हुआ है। मरीज अस्पताल आता है तो मरीज देखना पड़ता है। पर्ची पर मेरे मोबाइल नंबर डॉक्टर साहब की तबीयत खराब होने के बाद से ही लिखे हुए है।