चित्रकूट @ कांग्रेस महासचिव विवादों में: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रामघाट पर महिलाओं से किया संवाद, संवाद में कविता बोलकर आ गई विवादों में
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चुनावी संवाद में एक कविता का पाठ करने पर कवि से विवाद सामने आया हैं। प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट में मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट पर महिलाओं से संवाद कर रही थी। इस दौरान प्रियंका ने उठो द्रौपदी शस्त्र संभालो काव्य पंक्तियों का पाठ भी किया।
नई दिल्ली,एजेंसी।
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चुनावी संवाद में एक कविता का पाठ करने पर कवि से विवाद सामने आया हैं। प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट में मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट पर महिलाओं से संवाद कर रही थी। इस दौरान प्रियंका ने उठो द्रौपदी शस्त्र संभालो काव्य पंक्तियों का पाठ भी किया। लेकिन प्रियंका के इस काव्य पाठ पर कविता लिखने वाले कवि ने आपत्ति जता दी। कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने प्रियंका पर कविता चोरी करने का आरोप लगाया है। कवि उपाध्याय ने कांग्रेस पार्टी के उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की पोस्ट को री ट्वीट करते हुए प्रियंका गांधी का वीडियो शेयर किया था। उन्होंने लिखा कि प्रियंका जी ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनीति में उपयोग करें। कविता चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा! कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने लिखा कि 2012 में निर्भया प्रकरण पर लिखी गई कविता का संदेश और आह्वान आपकी राजनीतिक कुंठाओं से अलग हैं। इस कविता का उपयोग राजनीति में ना करें, ताकि इसका मर्म दूषित ना हों।
दुर्योधन नहीं मोदी और योगी युग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रियंका गांधी को घेरते हुए लिखा कि मैं प्रियंका वाड्रा को बताना चाहता हूं कि यह दुर्योधन युग नहीं है। यह मोदी—योगी युग है। इसमें द्रोपदी का चीर हरण नहीं होगा। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट में मत्स्य गजेंद्रनाथ मंदिर में पूजा पाठ कर मंदाकिनी नही के रामघाट पर महिलाओं से चर्चा कर रही थी। इस दौरान प्रियंका ने कहा था कि राजनीति में आजकल क्रूरता व हिंसा आ गई। मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया, सरकार अत्याचारी की मदद कर रही है, आशा बहनों की पिटाई हो रही है। महिलाओं को हक लेने के लिए लड़ना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने पुष्यमित्र की कविता का इस्तेमाल अपने भाषण में किया।