विधानसभा में गूंजा बरलूट थाने का मामला: CMके सलाहकार संयम लोढ़ा ने सिरोही पुलिस की जांच प्रणाली पर उठाया सवाल, निर्दोष को जेल पहुंचाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग

मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने आज विधानसभा में राजस्थान की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया। इस दौरान सीएम सलाहकार ने सिरोही पुलिस की जांच प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए।

सिरोही। 
मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने आज विधानसभा में राजस्थान की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया। इस दौरान सीएम सलाहकार ने सिरोही पुलिस की जांच प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। 
सिरोही के बरलूट पुलिस थाना का लखमाराम देवासी मामले की चर्चा करते हुए सीएम सलाहकार ने निर्दोष युवक को हत्या के मामले में फंसाने में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग। वहीं बिना अपराध किए जेल में सजा काटने वाले बेकसूर युवक को मुआवजा दिलवाने का भी प्रस्ताव सदन में रखा।
इतना ही नहीं, शराब तस्करों से जुड़े लोगों की कॉल डिटेल निकालने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर भी संयम लोढ़ा ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। 
सिरोही विधायक और सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि  सिरोही पुलिस निर्दोष लोगों को दोषी करार कर जेल भेज देती है। 
इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर एसओजी जांच में वहीं युवक निर्दोष साबित हो जाता है। लेकिन निर्दोष युवक को दोषी बनाकर पेश करने वाले पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। 
ऐसे में संयम लोढ़ा ने सभापति से इस तरह से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। वहीं निर्दोष युवक को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की।

यह है मामला
बरलूट थाना क्षेत्र के झाड़ोलीवीर गांव में 24 मई 2018 में वृद्धा लाडूदेवी की हत्या के मामले में पुलिस ने लखमाराम देवासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
 लाडूदेवी के पुत्र की रिपोर्ट पर पुलिस ने गांव के ही लखमाराम को गिरफ्तार किया तथा 6 जून को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
इसके बाद 31 जुलाई को जांच तत्कालीन डीएसपी विक्रमसिंह को सौंपी गई। 5 अगस्त 2018 को लखमाराम पुत्र हमीराराम निवासी झाड़ोली वीर के खिलाफ आरोप प्रमाणित मानते हुए रिपोर्ट पेश की गई।
पुलिस ने सिरोही न्यायालय में 22 अगस्त 2018 को चालान पेश कर दिया। इसमें लखमाराम के अलावा अज्ञात आरोपी की तलाशी जारी मानी गई थी। 
इसके बाद संयम लोढ़ा ने इस मामले में लखमाराम के शामिल नहीं होने की बात उठाई। 24 अक्टूबर 2018 को जोधपुर आईजी के आदेश पर जालोर डीएसपी अमरसिंह चंपावत को दुबारा से जांच सौंपी।
 मामले की तह तक जाने के बाद इस हत्याकांड में दूसरी गैंग के होना पाया गया। जांच में एसओजी ने लखमाराम को उक्त आरोप में शामिल होना नहीं पाया गया।

विधानसभा में शराब तस्करों की पुलिस से मिली भगत का मामला
संयम लोढ़ा ने लखमाराम मामले के साथ ही सिरोही में शराब तस्करी के मामले को लेकर भी विधानसभा में सवाल खड़े किए। 
लोढ़ा ने कहा कि शराब तस्करी में मिलीभगत मामले में राजस्थान सरकार ने 2 ​डीआईजी को जांच सौंपी। लेकिन इस शराब तस्करी मामले में 40 लोगों की कॉल डिटेल​ निकालने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।