रूस—यूक्रेन जंग:प्रथम महिला का संदेश: रूस—यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन की पहली महिला ने जारी किया संदेश, ओलेना जेलेंस्का ने इसे बताया भीषण त्रासदी
रूस—यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन की पहली महिला ने आम लोगों के लिए संदेश जारी किया हैं। रूस की इस जंग ने मानव इतिहास में भीषण त्रासदी की नई गाथा लिख दी। यह इतिहास में कई सालों तक भूली नहीं जाएगी।
नई दिल्ली, एजेंसी।
रूस—यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन की पहली महिला ने आम लोगों के लिए संदेश जारी किया हैं। रूस की इस जंग ने मानव इतिहास में भीषण त्रासदी की नई गाथा लिख दी। यह इतिहास में कई सालों तक भूली नहीं जाएगी।
रूस के इस कृत्य से एक ओर जहां हजारों लोगों को मौत के मुंह में झोंक दिया, वहीं दूसरी ओर लाखों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर कर दिया।
यूक्रेन के रोशनी से पटे रहने वाले शहर अब खंडर में तब्दील हो गए। रूस के इस कृत्य पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्का ने दुनिया भर के सामने एक खुला खत लिखकर अपना संदेश जारी किया।
यूक्रेन की पहली महिला का अनुभव खत के जरिए
यूक्रेन की पहली महिला ओलेना जेलेंस्का ने अपना खत जारी करते हुए कहा कि हमारे देश में पिछले दिनों जो हुआ और जो हो रहा है यह अकल्पनीय है।
यूक्रेन शांतिपूर्ण था, यहां के महानगर, कस्बे तथा गांव खुशियों से भरे हुए थे लेकिन 24 फरवरी से युद्ध की शुरुआत की। रूसी टैंक यूक्रेन सीमा में आ गए, रूसी विमान हमारे हवाई क्षेत्र उड़ान भर रहे है।
हमारे शहर रूसी रॉकेट लॉन्चरों से घिरे हुए नजर आ रहे थे। यह यूक्रेनी नागरिकों का सामूहिक नरसंहार है। इसमें मासूम बच्चों के मारे जाने की कई खबरें तकलीफ देह है।
यूक्रेन की पहली महिला ने कुछ लोगों के नाम लिखकर उनकी मौत का जिम्मेदार रूस को बताया।
उन्होंने कहा कि अगर रूस फिर से यह दावा करता है कि हम आम लोगों के खिलाफ युद्ध नहीं छेड़ता, तो मैं इन नामों के बारे में बताउंगी।
यूक्रेन की महिलाएं व बच्चे तहखानों में जगह तलाश कर रहे है। विश्व ने कीव व खार्किव के सब वे की तस्वीरें देखी होंगी, यहां लोग अपने पालतू जानवरों के साथ जमीन पर लेटे हुए है। यूक्रेन के लोगों के लिए यह तस्वीर वास्तविकता है, कई परिवार तो हवाई हमले के डर से बाहर ही नहीं आ रहे है।
यूक्रेन के बच्चों की क्लास बेसमेंट में हो रही है, कुछ तो पैदा ही नर्सिंग वार्ड को तबाह कर दिया।
रूस के हमले के दिन पैदा होने वाले बच्चे ने शांति का खुला आकाश ही नहीं देखा। उसका जन्म तो तहखाने की छत के नीचे हो रहा है। यूक्रेन के दर्जनों बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवन में अब तक शांति नहीं देखी।