अब खुल रही करतूतों की परत: डूंगरपुर में भाजपा सरकार ने हटाया तो सिरोही में कांग्रेस सरकार ने घर बिठाया

सरकार ने शराब व डोडा पोस्त तस्करी के मामले में तस्करों से सांठगांठ के आरोप की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक को निलंबित कर उनके खिलाफ दो मामले में चार्जशीट की सिफारिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को फाइल भेजी है।

गणपत सिंह मांडोली
सिरोही। डूंगरपुर में एसपी रहते हुए आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक पर शराब तस्करों से गठजोड़ के आरोप लग चुके हैं। 8 मई 2017 से 10 नवंबर 2017 तक के कार्यकाल में उन पर वहां शराब तस्करों से गठजोड़ के आरोप लगे तो 6 माह में ही भाजपा सरकार ने उन्हें एपीओ कर दिया था। करीब 2 साल तक नोन फील्ड रहने के बाद उन्हें जालोर में पोस्टिंग मिली। यहां 1 वर्ष के कार्यकाल में 6 जुलाई 2019 से 6 जुलाई 2020 तक उन पर मादक पदार्थ डोडा पोस्त व शराब तस्करी के मामले में आरोप लगे तो कांग्रेस सरकार ने उन्हें फिर हटा दिया। इस बार वे 5 महीने नोन फील्ड रहे। इसके बाद सिरोही में 7 माह के कार्यकाल में तो उन्हें कांग्रेस सरकार ने घर ही बिठा दिया। 19 नवंबर 2020 से 10 जून 2021 तक के सिरोही में कार्यकाल के दौरान हरियाणा से गुजरात तक शराब तस्करी की लाइन चलाने व तस्करों से गठजोड़ के आरोप में कांग्रेस सरकार ने उन्हें पहले हटाया। तीन माह तक जालोर व सिरोही कार्यकाल में मिली शिकायतों की जांच चली। इसके बाद जांच रिपोर्ट मिलने पर सरकार ने टांक को सस्पेंड कर दिया।
अब सरकार ने शराब व डोडा पोस्त तस्करी के मामले में तस्करों से सांठगांठ के आरोप की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक को निलंबित कर उनके खिलाफ दो मामले में चार्जशीट की सिफारिश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को फाइल भेजी है। जिन मामलों में आईपीएस टांक को निलंबित कर सीसीए 16 में चार्जशीट दी जा रही है, ये जालोर व सिरोही से जुड़े हैं। एक मामला जालोर में गुजरात के एक 70 वर्षीय कांग्रेस नेता को डोडा पोस्त के मामले में फंसाने का है तो दूसरा मामला सिरोही में कुख्यात शराब तस्कर आनंदपालसिंह उर्फ डिक्कसा से सांठगांठ कर हरियाणा से गुजरात तक शराब तस्करी की लाइन चलाना है। इसके अलावा भी जालोर व सिरोही के कई प्रकरण हैं, जिनमें विजिलेंस विंग के डीआईजी सत्येंद्रसिंह तथा एसओजी के तत्कालीन डीआईजी अमनदीपसिंह कपूर ने जांच कर आईपीएस टांक की कार्यशैली को गलत माना है।
अब जांच में खुल कर करतूतों की परत-दर-परत
पुलिस मुख्यालय की ओर से कराई गई जांच में खुलासा हुआ है कि कांग्रेसी नेता सेंधाजी ठाकोर की बहन की बेशकीमती जमीन अहमदाबाद में है, जिसका मेहसाणा के बिल्डर मुकेश भाई से विवाद चल रहा है। मुकेश ने जालोर के चितलवाना के बिल्डर कमलेश भाई के मार्फत ठाकोर को मादक पदार्थों की तस्करी में फंसाने की साजिश रची। सांचौर थाने के कांस्टेबल भंवरसिंह, मीठालाल मीणा व जगदीश ने 50 लाख रुपए लेकर आईपीएस टांक की मदद से ठाकोर को मादक पदार्थ की तस्करी में फंसाया। एक अन्य खुलासे में सेंधाजी ठाकोर की इनोवा कार को उसका ड्राइवर ईश्वर भारती चोरी कर ले गया, जो उनके घर का विश्वासी नौकर था। वह गांव से एक लडक़ी को भगाकर ले गया था। यह कार 8 लाख रुपए में मेहसाणा के बिल्डर मुकेश भाई ने खरीदी। सांचौर पुलिस ने 3 जून 19 को उक्त लावारिस कार से डोडा पोस्त बरामद कर अज्ञात तस्करों पर केस दर्ज किया। इसके 6 माह बाद 12 दिसंबर को कार मालिक के रूप में सेंधाजी ठाकोर को आरोपी बता गिरफ्तार कर लिया।
सेंधाजी ठाकोर कहते हैं कि उनकी बहन की अहमदाबाद में 150 करोड़ रुपए की जमीन को बिल्डर मुकेश हड़पना चाहता है। उसने कमलेश निवासी चितलवाना की मदद से जालोर के तत्कालीन एसपी हिम्मत अभिलाष टांक व उनके मातहत कर्मचारियों को 50 लाख दिए। इसके बाद उनके पिता की चोरी हुई कार खरीदकर उसमें डोडा पोस्त रखवाया। इस साजिश में रानीवाड़ा सीआई मीठूलाल भी शामिल थे।
कौन है सेंधाजी ठाकोर
गुजरात की राजधानी गांधी नगर के टिटोडा निवासी 70 वर्षीय सेंधाजी ठाकोर कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। भाजपा में रहते हुए वे एक बार गांधी नगर के प्रधान रहे। तीन बार जिला परिषद के सदस्य रहे और एक बार भाजपा के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा। ठाकोर एक बार गांधीनगर से भाजपा से प्रधान रहे, जबकि एक बार भाजपा से और एक बार निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा। बाद में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के सामने चुनाव लड़ा। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। अब जांच में खुलासा हुआ है कि गांधीनगर के 70 वर्षीय कांग्रेस नेता सेंधाजी ठाकोर व अहमदाबाद के बिल्डर मुकेश भाई के बीच जमीन को लेकर चल रहे विवाद में आईपीएस टांक ने जालोर रहते साजिश रची। गुजरात में ठाकोर का बड़ा नाम है, इसके चलते मुकेश जमीन हथिया नहीं पा रहा था। उसने एक अन्य बिल्डर कमलेश भाई की मदद ली। इसके बाद जालोर थाना क्षेत्र में सांचौर थाने में तैनात तीन कांस्टेबलों की मदद से एक कार में 106 किलोग्राम डोडा पोस्त रखवा कर ठाकोर को गिरफ्तार करवा दिया। सांचौर थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 100/ 2019 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में 1 माह 18 दिन जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने ठाकोर को जमानत पर रिहा कर नए सिरे से जांच के आदेश दिए। इसके बाद ठाकोर परिवार के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले और पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। सीएम के हस्तक्षेप पर मामले की जांच विजिलेंस विंग से कराई गई।